स्वास्थ्य मंत्रालय ने खांसी में लिए जाने वाले सिरप के मिश्रण सहित ऐसी करीब 344 दवाओं को प्रतिबंधित कर दिया है जिनमें दो या अधिक दवाओं का निश्चित मात्रा में मिश्रण होता है और कहा है कि इससे मानव मात्र की सेहत को ‘जोखिम’ है और इसके सुरक्षित विकल्प मौजूद हैं। दवाओं पर यह प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और इस संबंध में मंत्रालय ने राजपत्र में एक अधिसूचना भी जारी की है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘ऐसी 344 दवाओं को प्रतिबंधित कर दिया गया है। हमने उपलब्ध श्रेष्ठ वैज्ञानिकों से इनके प्रभावों का बेहतर तरीके से अध्ययन कराकर इस मसले पर निष्पक्षता बरतने की कोशिश की है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘344 से अधिक कंपनियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है और विशेषज्ञ समिति द्वारा अपनी सिफारिशें सौंप दिये जाने के बाद उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया गया।’’
अधिकारी ने बताया, ‘‘उनमें से कुछ ने अभी तक जबाव देने की भी जहमत नहीं उठाई। हर किसी को पर्याप्त मौका दिया गया। इसके बाद, यह कदम उठाया गया। ऐसा काफी जांच परख के बाद किया गया है।’’ अधिसूचना के मुताबिक, केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समिति ने मामले की जांच की है।
अधिसूचना में बताया गया है, ‘‘इस विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर केन्द्र सरकार इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में इन उत्पादों की देश में बिक्री एवं वितरण का नियमन किया जाए।’’ इन मिश्रणों में क्लोफेनिरेमाइन माइलेट और कोडीन सिरप शामिल हैं जो कोरेक्स के लोकप्रिय नाम से जाना जाता है।
सरकार की ओर से पाबंदी लगाए जाने के बाद दवा निर्माता कंपनी फाइजर ने तत्काल प्रभाव से कोरेक्स सिरप का उत्पादन और बिक्री बंद कर दी है।
निश्चित मात्रा वाले मिश्रण की दवाओं में दो या अधिक दवाओं का मिश्रण तैयार किया जाता है।
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