अदाणी ग्रुप के खिलाफ पिछले साल जनवरी में भ्रामक रिपोर्ट फैलाने वाले शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की कारस्तानी, परत-दर-परत उघड़ती चली जा रही है.
इंडियन मार्केट रेगुलेटर SEBI की ओर से अमेरिकी शॉर्ट सेलर को भेजे गए शोकॉज नोटिस से पता चला है कि हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research LLC), विदेशी निवेशक मार्क किंगडन और उनकी संस्थाओं ने अदाणी एंटरप्राइजेज के फ्यूचर्स की शॉर्ट सेलिंग के जरिए करीब 31.4 मिलियन डॉलर का प्रॉफिट कमाया.
SEBI की जांच में पता चला है कि मार्क किंगडन के के-इंडिया अपॉर्च्युनिटीज फंड- क्लास एफ ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने से पहले एक ट्रेडिंग अकाउंट खोला और अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों में ट्रेडिंग शुरू कर दी. यानी मकसद साफ था- शॉर्ट सेलिंग से मुनाफा कमाना.
इसके बाद FPI ने फरवरी 2023 में इन पोजीशन को स्क्वेयर ऑफ कर दिया और 22.25 मिलियन डॉलर यानी करीब 183.24 करोड़ रुपये का लाभ कमाया. SEBI की नोटिस से पता चला है कि इस फंड के जरिए केवल NSE पर अदाणी एंटरप्राइजेज की ट्रेडिंग की गई.
मार्क किंगडन को मूल रूप से हिंडनबर्ग के साथ 5.52 मिलियन डॉलर का प्रॉफिट बांटना था, लेकिन शॉर्ट सेलर द्वारा चालान बढ़ाने के बाद मार्च 2023 के अंत में केवल 2.76 मिलियन डॉलर और 1 जून 2023 की शुरुआत में 1.38 मिलियन डॉलर का भुगतान किया गया. FPI ने के-इंडिया अपॉर्च्युनिटीज फंड में निवेश के कारण 1.38 मिलियन डॉलर रोक रखे थे. फंड वापस लेने के बाद शेष राशि का भुगतान किया जाना था.
हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी, 2023 को MSCI इंडिया इंडेक्स पर ETF और ऑप्शंस के माध्यम से शॉर्ट पोजीशन ली थी. इन पोजीशन को बाद में पिछले साल जनवरी और मार्च के बीच में स्क्वेयर ऑफ कर दिया गया, जिससे करीब 9.2 मिलियन डॉलर का प्रॉफिट हुआ.
एक मल्टीनेशनल ब्रोकरेज फर्म 'इंटरएक्टिव ब्रोकर्स' (Interactive Brokers LLC) के रिकॉर्ड के अनुसार, अमेरिकी शॉर्ट सेलर ने भारत के बाहर अदाणी ग्रुप की कंपनियों (अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई, अदाणी ग्रीन एनर्जी, अदाणी पोर्ट्स) के बॉन्ड में ट्रेडिंग की. इसने नवंबर 2022 से मार्च 2023 के बीच बॉन्ड में ट्रेडिंग की, इस अवधि के दौरान बॉन्ड में ट्रेडिंग से उसे 5,197 डॉलर का घाटा हुआ था.