हिंडनबर्ग (Hindenburg) के SEBI चीफ और अदाणी ग्रुप पर लगाए गए नए आरोपों का राजनीतिक जगत ने पूरी तरह खंडन किया है. रविवार को राजीव चंद्रशेखर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, शहजाद पूनावाला, सुधांशु त्रिवेदी समेत कई नेताओं ने इसे भारत में अशांति फैलाने की कोशिश बताया था.
लेकिन अब ये सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है और कई दूसरे नेता भी शरारत भरी और बुरी मंशा वाली रिपोर्ट के खिलाफ मुखर हो रहे हैं. सोमवार को रविशंकर प्रसाद ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिपोर्ट और इसको जारी विपक्ष के समर्थन की जमकर आलोचना की. उनके अलावा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, गिरिराज सिंह, BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता CR केसवन ने भी हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर अपनी बात रखी है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को देश में आर्थिक अराजकता फैलाने की कोशिश बताते हुए कहा, 'कांग्रेस और साथियों की 'टूलकिट' देश की इकोनॉमी को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है. मनगढंत रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस भारत में आर्थिक अराजकता फैलाना चाहती है.'
छोटे निवेशकों ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट और टूलकिट को खारिज कर दिया है. कांग्रेस नहीं चाहती कि छोटे निवेशकों को बाजार से मुनाफा मिले. गर्व है कि आज बाजार स्थिर है, छोटे निवेशकों को सैल्यूट है: रविशंकर प्रसाद
उन्होंने आगे कहा, 'SEBI के नोटिस का जवाब देने के बजाए हिंडनबर्ग ने रेगुलेटर पर आधारहीन आरोप लगाए. जानबूझकर रिपोर्ट शनिवार को आई, ताकि रविवार के रिएक्शन पर सोमवार को बाजार गिरे.'
वहीं केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, 'भारत के विकास की रफ्तार बीते 10 साल में बहुत तेज रही है. चाहे विकास दर हो, फिस्कल डेफिसिट को मेंटेन करना हो, या महंगाई पर नियंत्रण, हर तरफ हमारा प्रदर्शन दूसरे देशों से अच्छा रहा है. दुनिया में कुछ ऐसे लोग हैं, देश भी हो सकते हैं, जो नहीं चाहते कि भारत इतनी तेज गति से तरक्की करे. इसलिए वे इसे रोकने के लिए ऐसी रिपोर्ट्स प्रकाशित करवाते रहते हैं. हिंडनबर्ग रिपोर्ट की चर्चा भी लोकसभा में हो चुकी है, सरकार भी अपना पक्ष रख चुकी हैं. ऐसे ही आरोप लगा दिए गए हैं, इनमें कोई दम नहीं है.'
वहीं हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बहाने विपक्ष द्वारा आरोप लगाए जाने के सवाल पर टेक्सटाइल मिनिस्टर गिरिराज सिंह ने कहा, 'ये राहुल गांधी और जयराम रमेश देश को बदनाम करने वाला गैंग है. हम देश की बदनामी को बर्दाश्त नहीं कर सकते. हिंडनबर्ग पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. राहुल गांधी देश के बाहर भी जाकर भी देश को बदनाम करते हैं, देशवासियों में भी वे भ्रम और भय पैदा करते हैं, एक समय उन्होंने LIC पर भ्रम फैलाया था, ऐसे लोगों से देश को सावधान रहना चाहिए.'
वहीं आज हिंडनबर्ग पर दोबारा अपनी बात रखते हुए शहजाद पूनावाला ने कहा, 'हिंडनबर्ग रिपोर्ट सुनियोजित हिट जॉब नजर आता है. ऐसा लगता है कि एक व्यक्ति और एक पार्टी का विरोध करने के लिए राहुल गांधी और उनके पूरे इकोसिस्टम को पूरे देश की अर्थव्यवस्था और फाइनेंशियल सिस्टम को नुकसान पहुंचाने और अस्थिर करने से गुरेज नहीं है. इसलिए हमें वक्त-वक्त पर ऐसी विदेशी रिपोर्ट्स मिलती रहती हैं, जिनका आधार सिर्फ झूठ होता है.'
उन्होंने आगे कहा, 'राहुल गांधी का एकमात्र एजेंडा भ्रम और अस्थिरता फैलाना है ताकि भारत में भी बांग्लादेश जैसी स्थिति बनाई जा सके.'
BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता CR केसवन के मुताबिक, 'रिपोर्ट एक संदिग्ध शॉर्ट सेलर, जिसकी कोई साख नहीं है, उसका शूट टूलकिट नजर आता है. ये महज शोकॉज नोटिस पर पलटवार है. इसका मकसद एक झूठा नैरेटिव गढ़ना है, ताकि मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाया जा सके.'
उन्होंने आगे कहा, 'जहां तक कांग्रेस की बात है तो UPA की विरासत क्रोनी कैपिटलिज्म, NPA रही है, जिसके चलते 2014 में हमारी इकोनॉमी खस्ताहाल थी, जिससे स्टॉक मार्केट भी बहुत परिवर्तनशील था. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के चलते हम आज दुनिया के सबसे मजबूत फाइनेंशियल सिस्टम में से एक हैं और जल्द ही हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बन जाएंगे.'
विपक्ष द्वारा हिंडनबर्ग के बेबुनियाद आरोपों को तूल देने पर केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, 'कांग्रेस का सिर्फ अराजकता फैलाने और देश को विवादित मामलों में उलझाने का एक ही काम रहा है. PM और BJP कार्यकर्ता मशाल लेकर देश को विकास के मार्ग पर चला रहे हैं, लेकिन कांग्रेस अब भी अपनी पुरानी पद्धति पर चल रही है.'
BJP नेता सुधांशु त्रिवेदी ने इस मुद्दे पर कहा, 'भारत की जांच एजेंसियों के दायरे में आई हिंडनबर्ग द्वारा रिपोर्ट आना, विदेशी आवाजों के साथ विपक्ष का ताल लगाना, उसका संसद सत्र के साथ संबंध बनाना, ये साजिश साफ दिखती है कि वे भारत के अंदर अराजकता, आर्थिक अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं.'
राजीव चंद्रशेखर ने लिखा, 'एक बात साफ है कि एक विदेशी 'हिंडनबर्ग' का ये @SEBI_India पर हमला है. इसमें कांग्रेस गलत उद्देश्य और लक्ष्यों के साथ एक साझेदार है. ये दुनिया के सबसे मजबूत फाइनेंशियल सिस्टम में से एक को बदनाम और अस्थिर करना चाहता है. साथ ही ये दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था यानी भारत में अराजकता भी पैदा करना चाहता है.'
उन्होंने आगे कहा, 'मैंने ये पूरी "रिपोर्ट" पढ़ी है. इसमें सिर्फ धुंआ है. ये कांग्रेस शैली में रचा गया झूठ है, जिसे कुछ तथ्यों को एक साथ जोड़ दिया गया है और जिसका मकसद रेगुलेटर को बदनाम करना और बाजार में अराजकता पैदा करना है, जिससे निवेशकों को नुकसान हो. ये बाजार में तेजी को ठंडा करना चाहता है.'