हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे बाजार में किसी तरह की कोई अस्थिरता आए, ये कहना है MK Ventures Capital के मैनेजिंग डायरेक्टर और मार्केट के सबसे भरोसेमंद चेहरों में से एक मधु केला का. NDTV प्रॉफिट से बातचीत के दौरान मधु केला ने कहा कि हिंडनबर्ग की विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है, उनके आरोपों में कोई दम नहीं दिखता है.
मधु केला कहते हैं कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कुछ भी ठोस नहीं है, SEBI की ओर से दिए गए कारण बताओ नोटिस का जवाब देने की बजाय वो रेगुलेटर पर ही आरोप लगा रहे हैं. हिंडनबर्ग पूरे देश की छवि को खराब करने की कोशिश कर रहा है. मार्केट रेगुलेटर और माधबी पुरी बुच ने आरोपों का जो जवाब दिया है, उससे तस्वीर पूरी तरह से साफ हो चुकी है, इसमें अब ऐसा कुछ भी कहने को नहीं बचा है.
उन्होंने साफ किया कि इन्वेस्टमेंट फंड्स का ग्रुप के शेयरों से कोई लेना-देना नहीं होता है, ये साफ हो चुका है कि अदाणी ग्रुप की किसी कंपनी के शेयर या बॉन्ड का फंड में कोई निवेश नहीं है, मेरी समझ में नहीं आता है कि फिर लिंक कहां है. हिंडनबर्ग का ये हमला केवल एक व्यक्ति या किसी ग्रुप के ऊपर नहीं है, बल्कि पूरे देश पर है, ये पूरे देश की छवि खराब करने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग कौन होता है ये कहने वाला कि आप सिस्टम पर भरोसा न करें.
वो आगे कहते हैं कि हमारे देश के रेगुलेटर्स दुनिया के सर्वश्रेष्ठ रेगुलेटर्स में से हैं, चाहे वो RBI हो या SEBI. मुझे लगता है कि इन रेगुलेटर्स ने बेहद शानदार काम किया है और हिंडनबर्ग की अपनी विश्वसनीयता ही सवालों के घेरे में है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट एक साजिश के अलावा कुछ भी नहीं है, SEBI की ओर से भेजे गए कारण बताओ नोटिस का जवाब देने की बजाय उल्टा वो रेगुलेटर पर ही आरोप लगा रहे हैं. वो भी एक ऐसे शख्स पर जिसकी बीते 30 सालों में इमेज बिल्कुल साफ रही है.
शनिवार को शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की,जिसमें उसने अदाणी के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करते हुए SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर हितों के टकराव का आरोप लगाया. अगले दिन SEBI चीफ माधबी पुरी बुच ने जोरदार जवाब दिया और एक विस्तृत रिपोर्ट जारी करके एक-एक आरोप पर सिलसिलेवार तरीके से पलटवार किया.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में धवल बुच को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि उनको रियल्टी सेक्टर का कोई अनुभव नहीं था, फिर भी वो ब्लैकस्टोन में थे, जिससे REITs को फायदा पहुंचाया गया.
इस पर मधु केला कहते हैं कि अगर धवल बुच ब्लैकस्टोन में एक प्रोफेशनल के तौर पर काम कर रहे हैं तो इसमें गलत क्या है, उनकी सप्लाई चेन में विशेषज्ञता है, वो एक प्रोफेशनल कंपनी के लिए काम कर रहे हैं, उनका ब्लैकस्टोन के रियल एस्टेट बिजनेस से कोई लेना देना नहीं, तो फिर लिंक कहां है.
मधु केला ने साफ किया हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कुछ भी ऐसा नहीं है जिसका बाजार पर असर होगा या बाजार में अस्थिरता या करेक्शन जैसी स्थिति पैदा हो. निवेशकों को कतई इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है. निवेशकों को अगले 1-2 दशक में होने वाली भारत की ग्रोथ स्टोरी पर भरोसा करना चाहिए, मेरी नजर में निवेशकों को ऐसे मौकों को खरीदारी के तौर पर देखना चाहिए. बीते तीन सालों में जबरदस्त रिटर्न देखने को मिला है.