गर्मियां आ चुकी है और FMCG की दुनिया में भी गर्मी बढ़ा रहा है, एक नया 'फेस-ऑफ'. गर्मियों में जैसे कोल्ड ड्रिंक की दुनिया में पेप्सी और कोका कोला की जंग चलती है, वैसे ही अब सनस्क्रीन को लेकर भी संग्राम दिख रहा है. इस फेस ऑफ में आमने-सामने हैं, लैक्मे और मामाअर्थ.
दरअसल, हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) की ब्रैंड लैक्मे (Lakme) और होनासा कंज्यूमर (Mamaearth और The Derma Co. की पैरेंट कंपनी) के बीच शुरू हुई है SPF 50 को लेकर बहस. हो भी क्यों न, आखिर सनस्क्रीन का बाजार भी तो हजार-करोड़ में है.
होनासा की को-फाउंडर गजल अलघ ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में लिखा, 'तेजी से आगे बढ़ने वाले कंज्यूमर गुड्स सेक्टर में लंबे समय से अच्छी प्रतिस्पर्धा की कमी रही है. इस वजह से बड़ी और पुरानी ब्रैंड्स सुस्त हो गई हैं.'
ये टिप्पणी उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से HUL पर की, जिसने हाल ही में एक एड कैंपेन लॉन्च किया है जो डिजिटल-फर्स्ट सनस्क्रीन ब्रैंड्स के दावों को चुनौती देता है. गजल ने कहा कि इस बहस के केंद्र में है,'इन-विवो टेस्टिंग'. उनका दावा है कि ये तरीका The Derma पहले से अपनाता आ रहा है.
उन्होंने आगे लिखा, 'हम इन नियमों को लगातार चुनौती देते रहे हैं और इन ब्रैंड्स को बार-बार जगाते रहे हैं. हम Mamaearth के साथ क्लीन लेबल इंग्रेडिएंट्स की दिशा में बदलाव लाए, और अब The Derma के जरिए हम एक्टिव डिस्क्लोजर और साइंस बेस्ड दावों की राह दिखा रहे हैं.'
लैक्मे की ओर से चलाए गए कैंपेन में कहा गया, 'जब लैक्मे Sun Expert कहता है SPF 50, तो मतलब SPF 50 ही देता है.' ब्रैंड का दावा है कि भारत में सनस्क्रीन की जांच के सख्त नियम नहीं हैं, इसलिए कई ब्रैंड झूठे SPF 50 दावे करते हैं, जबकि असल में उनका प्रॉडक्ट सिर्फ SPF 20 देता है.' लैक्मे का ये कैंपेन ऐसे झूठे दावों पर सीधा प्रहार है.
HUL में ब्यूटी एंड वेलबीइंग यूनिट की एग्जिक्युटिव डायरेक्टर हरमन ढिल्लों ने NDTV Profit से कहा, 'हम पारदर्शिता, वैज्ञानिक प्रमाण और उपभोक्ता जागरूकता के जरिए सनस्क्रीन इंडस्ट्री को बदलने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमारे रिसर्च-बेस्ड प्रोडक्ट्स अपने दावे पर खरे उतरते हैं और उपभोक्ताओं को भरोसा देते हैं.'
HUL के मुताबिक, लैक्मे 2015 से ही अपने सभी सन प्रोडक्ट्स पर इन-विवो टेस्टिंग करता आ रहा है.
कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, 'दुर्भाग्य से कुछ ब्रैंड्स, जिनमें कई ऑनलाइन बेस्ट सेलर्स हैं, SPF 50 का झूठा दावा करते हैं जबकि असल में वो ऐसा नहीं दे रहे.'
भारत का सनस्क्रीन मार्केट लगभग 2,000 करोड़ रुपये का है और HUL इसका 25% हिस्सा कंट्रोल करता है. लेकिन मुकाबला अब पहले से ज्यादा टफ हो गया है.
रेडसीर स्ट्रैटजी कंसल्टैंट्स और Peak XV की एक रिपोर्ट के अनुसार, अभी L'Oréal, Mamaearth, Nivea, Nykaa जैसे डिजिटल फोकस ब्रैंड्स की हिस्सेदारी 33% है, जो अगले 5 साल में बढ़कर 42% हो सकती है. वहीं HUL और P&G जैसी बड़ी कंपनियों की हिस्सेदारी 2027 तक 67% से गिरकर 58% रह जाने की संभावना है.