अप्रैल में भारत की बिजनेस गतिविधियां में तेजी दिखाई है. HSBC इंडिया सर्विसेज PMI बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स अप्रैल में 58.7 पर पहुंच गया, जो कि मार्च में 58.5 था. ये सर्विस सेक्टर में तेज और मजबूत विस्तार का संकेत देता है.
वित्त वर्ष 26 की शुरुआत में इनपुट कीमतों में मामूली ग्रोथ हुई और ये छह महीनों में सबसे धीमी गति से बढ़ी है.
आउटपुट में विस्तार नए व्यवसाय में ग्रोथ के कारण था, जो आठ महीनों में संयुक्त रूप से सबसे अच्छा था. सर्वे में कई फर्मों ने अनुकूल मांग की स्थिति और सफल मार्केटिंग का उल्लेख किया है. कुछ मामलों में, एफिशिएंसी लाभ ने कथित तौर पर कंपनियों को अधिक काम करने में सक्षम बनाया है. पिछले सर्वे के रुझानों के अनुरूप, फाइनेंस और बीमा सब-क्षेत्र ने आउटपुट और नए ऑर्डर दोनों के लिए उच्चतम ग्रोथ रेट हासिल किया है.
भारतीय कंपनियों को अपनी सर्विसेज के लिए बेहतर अंतरराष्ट्रीय डिमांड से लाभ मिलना जारी है, जिसमें एशिया, यूरोप, मध्य पूर्व और अमेरिका को विशेष रूप से ताकत के सोर्स के रूप में उद्धृत किया गया है.
कुल मिलाकर, नए निर्यात ऑर्डर जुलाई 2024 के बाद से सबसे तेज गति से बढ़े हैं. पैनलिस्टों ने केमिकल्स, कॉस्मेटिक, मछली, कर्मचारियों और परिवहन लागत के बढ़ने का भी जिक्र किया.
भारतीय सर्विसेज फर्मों ने अप्रैल के दौरान अपने औसत सेलिंग प्राइस में ग्रोथ की है, क्योंकि वे ग्राहकों पर ज्यादा लागत का बोझ डालना चाहते थे. महंगाई की दर स्थिर थी, मगर मार्च की तुलना में कुछ तेज थी और अपने लॉन्ग टर्म एवरेज से ऊपर थी. मार्च से मंदी के बावजूद उपभोक्ता सर्विस कंपनियों में लागत दबाव सबसे अधिक था, लेकिन वित्त और बीमा क्षेत्र में महंगाई दर सबसे ज्यादा दर्ज की गई.