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एविएशन इंडस्ट्री के लिए मुश्किल रहेगा FY25; घाटा दोगुना होकर अधिकतम 3000 करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान, जानें वजह

ICRA के मुताबिक इंडियन एविएशन इंडस्ट्री को FY25 और FY26 में 2000-3000 करोड़ रुपये सालाना का नुकसान होने की संभावना है. ये नुकसान FY24 में हुए 1000 करोड़ रुपये के नुकसान से दोगुना है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी04:04 PM IST, 11 Sep 2024NDTV Profit हिंदी
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इंडियन एविएशन इंडस्ट्री (Indian Aviation Industry) को FY25 और FY26 में 2000 से 3000 करोड़ रुपये सालाना का नुकसान होने की संभावना है. ICRA के अनुमान के मुताबिक ये नुकसान FY24 में हुए 1000 करोड़ रुपये के नुकसान से दोगुना है. हालांकि ये FY25 और FY26 के लिए ICRA के 3000-4000 करोड़ रुपये के पुराने अनुमान से कम है.

सप्लाई चेन और इंजन फेलियर की दिक्कतों ने बीते 18 महीनों में इंडस्ट्री कैपेसिटी को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है. ये दिक्कतें इस साल भी जारी रहने की आशंका है.

P&W इंजनों मे आ रही हैं समस्याएं

इंडस्ट्री को P&W के इंजनों में खास दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. जरा गौर करिए:

  • गो एयरलाइंस (इंडिया) ने FY24 में खराब P&W इंजनों के चलते अपने फ्लीट को आधा कर दिया. बचे हुए आधे फ्लीट के ऑपरेशंस रोक दिए गए.

  • इंडिगो के ऑपरेटर इंटरग्लोब एविएशन ने भी खराब इंजन के चलते 70 एयरक्राफ्ट्स के ऑपरेशंस रोक दिए.

  • 30 जून 2024 तक करीब 134 एयरक्राफ्ट्स के ऑपरेशंस रोक दिए गए हैं. ये कुल इंडस्ट्री फ्लीट का 15-17% है.

इंजन की दिक्कतों से बढ़ रहा है ऑपरेशन खर्च

वैश्विक स्तर पर P&W द्वारा इंजन रिकॉल करने, फिर कंपनी द्वारा इनकी टेस्टिंग और दिक्कतों को ठीक किए जाने में 250-300 दिन लगने का अनुमान है.

इस देरी के चलते एयरलाइंस का ऑपरेटिंग खर्च बढ़ने का अनुमान है, क्योंकि बड़ी संख्या में उनके एयरक्राफ्ट्स का ऑपरेशंस रोकना पड़ रहा है. इसके चलते उन्हें ज्यादा किराये पर बाहर से एयरक्राफ्ट लेने पड़ रहे हैं. फिर शॉर्ट टर्म लीज पर लिए गए पुराने एयरक्राफ्ट फ्यूल भी ज्यादा उपयोग करते हैं.

इन सारी वजहों के चलते एयरलाइंस के लागत ढांचे पर बुरा असर पड़ रहा है.

रिपोर्ट का कहना है कि ज्यादा पैसेंजर्स, इंजन OEMs द्वारा आंशिक मुआवजा और हाई यील्ड जैसे उपायों से नकारात्मक असर को कुछ हद तक कम किया जा सकता है.

ऊपर से इस वित्त वर्ष में एविएशन इंडस्ट्री पायलट्स और क्रू मेंबर्स की कमी की दिक्कत से भी जूझ रही है, इस वजह से भी बड़ी संख्या में फ्लाइट रद्द और डिले हुई हैं. इससे भी एयरलाइंस कैपेसिटी प्रभावित हुई है.

कुल मिलाकर अगर हालात नहीं सुधरे तो अगले 2 साल इंडस्ट्री के लिए मुश्किल भरे होने वाले हैं.

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