HDFC ग्रुप के महामर्जर के महज 3 दिन बाद, बैंकिग-फाइनेंशियल सेक्टर में एक और बड़ा मर्जर होने जा रहा है. IDFC और IDFC फर्स्ट बैंक के मर्जर को दोनों कंपनियों के बोर्ड ने मंजूरी दे दी है. सोमवार को दोनों कंपनियों के मर्जर की जानकारी एक्सचेंज नोटिस के जरिए दी है. मर्जर के प्लान को हालांकि अभी रेगुलेटरी और कानूनी मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.
IDFC और IDFC फर्स्ट बैंक के मर्जर को मंजूरी मिलने के साथ शेयरधारकों के लिए स्कीम भी तय कर दी गई है. ऐसे शेयरधारक जिनके पास IDFC के 100 शेयर हैं, उन्हें IDFC फर्स्ट बैंक में 155 शेयर मिलेंगे. इस मर्जर के बाद IDFC फर्स्ट बैंक में IDFC की हिस्सेदारी खत्म हो जाएगी. आपको बता दें कि फिलहाल IDFC के पास IDFC फर्स्ट बैंक में 39.93% हिस्सेदारी है.
इस मर्जर के पीछे का मकसद कॉरपोरेट स्ट्रक्चर को आसान बनाना है. मर्जर के बाद IDFC, IDFC फर्स्ट बैंक और IDFC फर्स्ट फाइनेंशियल होल्डिंग कंपनी मिलकर एक कंपनी बन जाएंगे. अगर 31 मार्च के फाइनेंशियल्स को देखें तो इस मर्जर के बाद IDFC फर्स्ट बैंक की स्टैंडअलोन प्रति शेयर बुक वैल्यू 4.9% बढ़ जाएगी.
IDFC फर्स्ट बैंक ने एक्सचेंज को भेजे नोटिस में कहा, 'इस मर्जर से IDFC लिमिटेड के शेयरहोल्डर्स सीधे तौर पर IDFC फर्स्ट बैंक के शेयरहोल्डर बन जाएंगे. इससे शेयरहोल्डिंग स्ट्रक्चर आसान हो जाएगा'.
आपको बता दें कि IDFC फर्स्ट बैंक के बोर्ड ने दिसंबर 2021 में ही इस मर्जर को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी.