इकोनॉमी पटरी पर आ रही है. इसके संकेत मिलने लगे हैं. मार्च में फरवरी के मुकाबले औद्योगिक उत्पादन ने रफ्तार पकड़ ली है. औद्योगिक उत्पादन (Indian Industrial Output) यानी IIP मार्च में 3% बढ़ा है, जबकि अनुमान 3.3% का था. देश का IIP फरवरी में 2.9% रहा था.
केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) की ओर से ये आंकड़ा जारी किया गया है. ब्लूमबर्ग ने अनुमान लगाया था कि भारत की फैक्ट्री गतिविधि में 3.3% की ग्रोथ होगी.
बिजली प्रोडक्शन में 6.3% की ग्रोथ हुई. जबकि मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि में वार्षिक आधार पर 3% की ग्रोथ हुई है, पिछले महीने ये 2.9% थी.
हालांकि, सालाना आधार पर मार्च में ग्रोथ रेट पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने के 5.5% से कम रही, जिसका मुख्य कारण मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और बिजली क्षेत्रों का खराब प्रदर्शन रहा. सरकार ने इस महीने की शुरुआत में जारी 2.9% के प्रोविजनल अनुमान से फरवरी 2025 के लिए औद्योगिक विकास के आंकड़े को भी संशोधित कर 2.7% कर दिया है.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के अंदर NIC 2 डिजिट लेवल पर 23 इंडस्ट्री ग्रुप में से 13 ने मार्च 2024 की तुलना में मार्च 2025 में पॉजिटिव ग्रोथ दर्ज की है. मार्च 2025 महीने के लिए टॉप तीन पॉजिटिव कंट्रीब्यूटर्स हैं-
बेसिक मेटल्स के मैन्युफैक्चरर्स (6.9%)
मोटर व्हीकल्स के मैन्युफैक्चरर्स, ट्रेलरों और सेमी ट्रेलर्स के मैन्युफैक्चरर्स (10.3%)
इलेक्ट्रकिल इक्विपमेंट के मैन्युफैक्चरर्स(15.7%).
इलेक्ट्रिसिटी ग्रोथ: 6.3%
माइनिंग आउटपुट: 0.4%
मार्च में IIP 3% बढ़ी, फरवरी में 2.9% बढ़ी थी
3.3% का अनुमान था
मार्च में प्राइमेरी गुड्स में सालाना आधार पर 5.5% की बढ़ोतरी हुई
मार्च में कैपिटल गुड्स के प्रोडक्शन में सालाना आधार पर 2.4% की बढ़ोतरी हुई
मार्च में इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन गुड्स में सालाना आधार पर 8.8% की बढ़ोतरी हुई
मार्च में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स प्रोडक्शन में सालाना आधार पर 6.6% की बढ़ोतरी हुई