देश के औद्योगिक उत्पादन की स्थिति अच्छी नहीं है. जून में औद्योगिक उत्पादन 10 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है. दरअसल देश के कोर इंडस्ट्री की सेहत कुछ अच्छी नहीं है. कोर सेक्टर यानी कोयला और बिजली उद्योगों में गिरावट से तिमाही ग्रोथ 5 साल में सबसे कमजोर रही.
भारत का औद्योगिक उत्पादन गिरकर 1.5% पर आ गया, जो मई में संशोधित 1.9% था. ये आंकड़ा पिछले 10 महीने में सबसे कम है. वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में औद्योगिक वृद्धि केवल 2% रही थी, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे कमजोर तिमाही वृद्धि थी. जानकारों ने जून में 2.2% IIP का अनुमान लगाया था.
औद्योगिक प्रदर्शन में गिरावट की मुख्य वजह कोर सेक्टर रहा, जिसका IIP में 40% योगदान होता है. पहली तिमाही में कोर सेक्टर की वृद्धि 1.3% रही, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 6.3% थी.आठ प्रमुख कोर इंडस्ट्री में से 5 ने जून में गिरावट दिखाया. कोयला उत्पादन में 6.8% की गिरावट आई, जो पांच साल में सबसे तेज गिरावट है. बिजली क्षेत्र ने लगातार दूसरे महीने निगेटिव ग्रोथ दर्ज की. कुछ सेक्टरों ने बेहतर प्रदर्शन किया, पर संकेत मिलेजुले रहे. स्टील क्षेत्र ने Q1 में 7% की वृद्धि दर्ज की। लेकिन, यह वित्त वर्ष 2025 के 8.3% की तुलना में धीमा है.
जानकारों का मानना है कि निकट भविष्य में औद्योगिक वृद्धि सुस्त बनी रह सकती है. FY25 की चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था 7.4% की दर से बढ़ी थी, लेकिन FY26 की शुरुआत में रफ्तार कम हुई है. हालांकि इस खराब वक्त में भी सर्विसेज सेक्टर बना सहारा बना है. जुलाई की मासिक आर्थिक समीक्षा में वित्त मंत्रालय ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर का विस्तार जारी है, लेकिन Q1 FY26 में आर्थिक वृद्धि को सबसे ज्यादा सहारा सर्विसेज सेक्टर से मिला.
जून का IIP डाटा
प्राइमरी गुड्स का उत्पादन पिछले महीने 1.4% पर रहा, मई में ये 3% पर था
कैपिटल गुड्स का उत्पादन मई के 13.3% की तुलना में घटकर 3.5% पर आया
इंटरमीडियट गुड्स का उत्पादन पिछले महीने के 4.7% की तुलना में 5.5% बढ़ा
इंफ्रा गुड्स का उत्पादन पिछले महीने के 6.7% की तुलना में 7.2% बढ़ा
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स का उत्पादन पिछले महीने के 0.9% की गिरावट के मुकाबले 2.9% बढ़ा
कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स का उत्पादन पिछले महीने के 1% की गिरावट के मुकाबले 0.4% गिरा