15 सितंबर को ओडिशा के लांजीगढ़ में वेदांता (Vedanta Ltd.) एल्युमिना रिफाइनरी में भारी बारिश के चलते वाटर स्टोरेज फैसलिटी ओवरफ्लो हो गई.
एल्युमिना से एल्युमीनियम का उत्पादन किया जाता है, और ये शुद्ध एल्युमीनियम मेटल हासिल करने का एकमात्र तरीका है. इसलिए रिफाइनरी की वाटर स्टोरेज फैसलिटी ओवरफ्लो होने से वेदांता के एल्युमिना प्रोडक्शन के लिए एक जोखिम पैदा हो सकता है.
लांजीगढ़ रिफाइनरी की FY24 तक एल्युमीनियम की क्षमता 3.5 मिलियन टन थी और एल्युमिना की क्षमता 2 मिलियन टन सालाना थी. एल्युमिना रिफाइनरी वेदांता के एल्युमीनियम बिजनेस का अहम हिस्सा है. ये कंपनी के खुद के एल्युमीनियम स्मेल्टर्स को एल्युमिना सप्लाई करती है.
कंपनी अपनी एल्युमिना रिफाइनरी की क्षमता को सालाना 2 मिलियन टन से बढ़ाकर 3 मिलियन टन करने के लक्ष्य के साथ बढ़ रही है. मैनेजमेंट को उम्मीद है कि मौजूदा वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक ये बढ़कर 3.5 मिलियन टन पर पहुंच जाएगी.
फैसलिटी ओवरफ्लो होने से इसमें देरी हो सकती है. एल्युमीनियम प्रोड्यूसर्स का एल्युमिना की सप्लाई और प्राइसिंग पर फोकस बढ़ रहा है. एल्युमीनिया की बढ़ती लागत से स्मेल्टर मार्जिन पर दबाव पड़ रहा है. एल्युमिना की कीमतें इस साल अब तक करीब 50% बढ़ीं हैं. ये मार्च 2022 के बाद के अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गईं हैं.
वेदांता का कहना है कि इससे एल्युमिना के उत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. कंपनी के प्रवक्ता के मुताबिक ओडिशा में लांजीगढ़ रिफाइनरी में कामकाज में कोई बाधा नहीं है और कंपनी को नहीं लगता कि इस घटना से भविष्य में एल्यूमिना उत्पादन के स्तर पर कोई असर पड़ेगा. किसी भी व्यक्ति को चोट या पशुधन के नुकसान की सूचना नहीं मिली है. हालांकि ओवरफ्लो से खेती प्रभावित हुई है.
कंपनी ने कहा कि वो नुकसान के आकलन के लिए प्रशासन और स्थानीय समुदायों के साथ काम कर रही है. वाटर स्टोरेज फैसलिटी ओवरफ्लो होने से लंदन मेटल एक्सचेंज पर एल्युमीनियम फ्यूचर की कीमतों पर कोई असर नहीं हुआ. इसमें कीमतों में 3% तक की बढ़ोतरी हुई है. बढ़ोतरी के पीछे वजह है कि इससे शुरुआत में एल्युमीनिया की सप्लाई में रूकावट की संभावना थी.
वेदांता एल्युमीनियम भारत की सबसे बड़ी प्राइमेरी एल्युमीनियम प्रोड्यूसर है. FY24 में एल्युमीनियम बिजनेस का FY24 EBITDA 9,657 करोड़ रुपये रहा है. ये वित्त वर्ष के लिए वेदांता के कंसोलिडेटिड EBITDA का 26% है.
सालाना 2.4 मिलियन टन के साथ कंपनी की भारत में सबसे बड़ी इंस्टॉल्ड एल्युमीनियम कैपेसिटी है. इसका भारत में प्राइमेरी एल्युमीनियम प्रोड्यूसर्स के बीच 45% मार्केट शेयर है.