पर्सनल केयर से लेकर पैकेज्ड फूड प्रोड्क्ट्स वाले FMCG सेक्टर की ग्रोथ इस साल अच्छी रहने की उम्मीद है. ICICI लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस ने अपनी एक रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि 2024 में FMCG यानी फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स सेक्टर की ग्रोथ 7% से 9% रह सकती है.
इसके पीछे सरकार की नीतियों को कारण बताया गया है, जिनकी बदौलत कंज्यूमर्स कंजप्शन बढ़ा है, साथ ही रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं. हालांकि, रिपोर्ट में ये भी चिंता जताई गई है कि FMCG सेक्टर को महंगाई के दबाव का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही, कंज्यूमर कॉन्फिडेंस भी कमजोर है.
इन पहलुओं का मतलब हुआ कि उपभोक्ता, गैर-जरूरी सामानों पर खर्च करने से बच सकते हैं. लेकिन इसके बावजूद FMCG सेक्टर अच्छी ग्रोथ कर सकता है. कारण कि सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ा रही है. इससे लोगों के हाथ में पैसे आने की उम्मीद है.
FMCG सेक्टर की वैल्यू अब 9.1 लाख करोड़ रुपये के पार हो गई है. देश की आर्थिक ग्रोथ के साथ रोजगार पैदा करने में भी इसकी अहम भूमिका है.
ब्लिंकिट, बिग-बास्केट, फ्लिपकार्ट, इंस्टामार्ट जैसे प्लेटफॉर्म्स की बदौलत FMCG की ऑनलाइन बिक्री बढ़ रही है, जिसकी वैल्यू करीब 1.7 लाख करोड़ रुपये है. D2C यानी डायरेक्ट टु कंज्यूमर में तेज ग्रोथ बताती है कि कंज्यूमर्स की खरीदारी का तरीका किस कदर बदल रहा है.
कोरोना महामारी के बाद FMCG इंडस्ट्री संघर्ष कर रही थी. खासकर, ग्रामीण इलाकों की डिमांड कई तिमाहियों तक लगातार गिरी हुई रही थी, क्योंकि कोविड से रोजगार को कड़ी चोट पहुंची थी और लोगों ने खर्च काफी कम कर दिया था. हालांकि, अब स्थिति काफी हद तक सुधर गई है. 2023 की दूसरी छमाही में वॉल्यूम और प्राइस ग्रोथ उछाल देखा गया.
रिपोर्ट के मुताबिक, गति शक्ति और अमृत काल विजन 2047 जैसी प्रमुख सरकारी पहलों ने FMCG सेक्टर की नींव को मजबूत करने और लॉन्ग टर्म ग्रोथ को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है. इनकी वजह से FMCG सेक्टर के लिए रिस्क इंडेक्स 68 से घटकर 66 हो गया है. अगर माॅनसून उम्मीद के मुताबिक अच्छा रहता है, तो FMCG सेक्टर की ग्रोथ और बेहतर रह सकती है.