इन्फोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने कहा कि भारत में अच्छी बाजार शोध कंपनियों की कमी है, जिससे यूनीकॉर्न्स (एक अरब डॉलर से ज्यादा के मूल्यांकन वाले स्टार्टअप) अवसरों का जरूरत से ज्यादा अनुमान लगा लेते हैं और उससे बड़ा नुकसान होता है. मूर्ति ने कहा, “भारत में इस स्तर पर इस समय एक कमी यह भी है कि हमारे पास ऐसी कोई कंपनी नहीं है जो गुणवत्तापूर्ण बाजार शोध में विशेषज्ञ हो.”
उन्होंने कहा कि इससे उद्यमी बाजार अवसरों और निवेश का जरूरत से ज्यादा अनुमान लगाकर यूनीकॉर्न तैयार कर देते हैं. यहां सिम्बायोसिस इंटरनेशनल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए मूर्ति ने कहा कि कंपनियां जरूरत से ज्यादा खर्च कर देती हैं फिर उन्हें नुकसान होता है.
नारायण मूर्ति ने कहा, “वास्तविकता साल के अंत तक सामने आ जाती है। आपका राजस्व नहीं बढ़ता है लेकिन खर्चे बढ़ जाते हैं, जिससे भारी नुकसान होता है.”
विद्यार्थियों से संवाद करते हुए मूर्ति ने बाजार शोध की जरूरत पर जोर देते हुए यह तथ्य रखा और कहा कि बाजार शोध के अभाव में उन्हें खुद 1970 के दशक में पुणे में ही स्थापित अपनी पहली कंपनी सॉफ्ट्रॉनिक्स को बंद करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि कंपनियों के लिए सभी से सम्मान अर्जित करना बहुत जरूरी है. अगर वह इसमें सफल होती है तो उसे सभी भागीदारों से सहयोग मिलेगा.
मूर्ति ने कहा, “अगर आपकी छवि अच्छी है तो सरकार सम्मान देगी और आपके साथ कोई भ्रष्टाचार नहीं होगा और आपको कोई गलत काम नहीं करना पड़ेगा.”
उन्होंने स्वीकार किया कि इन्फोसिस के शीर्ष नेतृत्व में बाहर से सही उम्मीदवार को नियुक्त करने में वह सफल नहीं रहे थे. किसी शीर्ष नेतृत्व वाले पद पर नियुक्ति से पहले उम्मीदवार में दो महत्वपूर्ण तथ्यों- योग्यता और मूल्य पर ध्यान देना चाहिए.