भारत सरकार करीब 6 से 7 निवेश प्रस्तावों की नए सिरे से और सख्त समीक्षा करना चाहती है, जिन्हें चीन का समर्थन हासिल है. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने NDTV प्रॉफिट को ये जानकारी दी है, इससे इन प्रस्तावों को मंजूरी मिलने में देरी हो सकती है.
मामले की जानकारी रखने वाले इन सूत्रों ने बताया कि सरकार विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) प्रस्तावों और ज्वाइंट वेंचर्स की जांच-पड़ताल और तेज करने की उम्मीद है, जो चीन की कंपनियों से समर्थित हैं. उन्होंने ये भी कहा कि मौजूदा प्रतिबंधों के समाधान के लिए कई नए ज्वाइंटर वेंचर्स का प्रस्ताव किया जा सकता है, लेकिन लंबित प्रस्तावों और चल रही बातचीत में भी देरी हो सकती है.
इन लोगों ने बताया कि मौजूदा और भविष्य के चीन समर्थित ज्वाइंटर वेंचर्स को सख्त कंप्लायंस से गुजरना पड़ सकता है. ये कदम ऐसे समय उठाया गया है जब भारत के साथ हाल ही में हुए सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीन के समर्थन के बाद तनाव बढ़ गया है.
भारत ने इससे पहले अप्रैल 2020 में चीन से FDI पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा था कि इस तरह के सभी प्रस्तावों की सरकार की ओर से मामले-दर-मामला आधार पर जांच और मंजूरी दी जानी चाहिए.