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सोलर मैन्युफैक्चरिंग में देश बन रहा 'आत्मनिर्भर'; चीन से इंपोर्ट में आई भारी कमी

यह रणनीतिक बदलाव, भारत के उस दृढ़ संकल्प को दर्शाता है, जिसके तहत भारत इंपोर्ट पर अपनी निर्भरता को कम करके देश की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना चाहता है.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी11:57 AM IST, 14 Sep 2023NDTV Profit हिंदी
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देश अब मेक इन इंडिया सोलर मॉड्यूल की मैन्युफैक्चरिंग (Solar Module Manufacturing) को लेकर अपने पैरों पर खड़ा हो रहा है.

एक नई रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि ग्लोबल ट्रेंड्स से अलग हटकर भारत ने 2023 की पहली छमाही के दौरान चीन से सोलर मॉड्यूल इंपोर्ट (Solar Module Import) में 76% की भारी गिरावट दर्ज की है, जो सोलर मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता की दिशा में देश के मजबूत बदलाव को दर्शाता है.

चीन ने सोलर इंपोर्ट घटा

ग्लोबल एनर्जी थिंक टैंक एम्बर की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सालाना आधार पर चीन से भारत का सोलर मॉड्यूल इंपोर्ट 2022 की पहली छमाही में 9.8 गीगावाट था, जो कि 2023 की पहली छमाही में गिरकर सिर्फ 2.3 गीगावाट रह गया है.

यह रणनीतिक बदलाव, भारत के उस दृढ़ संकल्प को दर्शाता है, जिसके तहत भारत इंपोर्ट पर अपनी निर्भरता को कम करके देश की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना चाहता है.

एम्बर में भारत बिजली नीति विश्लेषक नेशविन रोड्रिग्स ने कहा, "सोलर मॉड्यूल इंपोर्ट के लिए चीन पर भारत की निर्भरता 2022 के बाद तेजी से कम हो रही है. हाल में की गई नीतियों में बदलावों की वजह से घरेलू मैन्युफैक्चरिंग जोर पकड़ रही है.

सोलर मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भर बनता भारत

रोड्रिग्स का कहना है जैसे-जैसे भारत सोलर मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है, चीन के मॉड्यूल और सेल्स पर निर्भरता अब कोई रुकावट नहीं रह गई है. अब जो जरूरी है वो ये कि एक पॉलिसी का माहौल तैयार करना जिससे सोलर इंस्टॉलेशन नेशनल इलेक्ट्रिसिटी प्लान के साथ साथ चल सके.

भारत ने लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और इंपोर्ट में कटौती के लिए अप्रैल 2022 से सोलर मॉड्यूल पर 40% और सोलर सेल्स पर 25% की कस्टम ड्यूटी लगाने की शुरुआत की थी.

भारत इंपोर्ट पर निर्भरता घटाकर और एक मजबूत घरेलू सोलर मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम तैयार करना चाहता है, जो उसके आत्मनिर्भरता और स्थिरता के बड़े लक्ष्यों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

सरकार की ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने की राष्ट्रीय योजना है, भारत ने 2030 तक नॉन-फॉसिल फ्यूल बेस्ड संसाधनों से 500 गीगावॉट इस्टॉल्ड पावर क्षमता हासिल करने की प्रतिबद्धता जताई है. सोलर इस लक्ष्य का दिल है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2023 की पहली छमाही में चीन के सोलर पैनलों के इंपोर्ट में 3% की जोरदार ग्रोथ देखने को मिली है, जो कि दुनिया भर में कुल 114 गीगावॉट तक पहुंच गया है.

एम्बर के डेटा लीड, सैम हॉकिन्स ने कहा, "सोलर विकास अपने चरम पर है.' सोलर पैनल मैन्युफैक्चरिंग मार्केट में चीन का दबदबा है, जो वैश्विक बाजार हिस्सेदारी का लगभग 80% है.

2023 की पहली छमाही के दौरान चीन से एक्सपोर्ट किए गए आधे से अधिक सोलर मॉड्यूल यूरोप के लिए थे, जो एक्सपोर्ट का 52.5% था.

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