भारतीय फार्मा सेक्टर में ग्रोथ नवंबर में घटकर 2.9% पर आ गई है. इसके पीछे वजह वॉल्यूम में गिरावट है. अक्टूबर अच्छा रहने के बाद नवंबर में प्रदर्शन ज्यादा बेस की वजह से उतना अच्छा नहीं रहा. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च प्राइवेट में एसोसिएट डायरेक्टर कृष्णकांत मुंडे ने कहा कि नए लॉन्च और कीमतों में धीमी ग्रोथ और वॉल्यूम में 4.5% की गिरावट देखने को मिली है. उन्होंने ऑल इंडियन ऑरिजिन केमिस्ट्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स लिमिटेड के डेटा का हवाला दिया.
इंडिया रेटिंग्स को मौजूदा साल में बाजार में 8–9% की ग्रोथ होने की उम्मीद है.
मुख्य बातें
वॉल्यूम में 4.5% की गिरावट आई. अक्टूबर में 5% गिरा था.
कीमतों में 4.6% की बढ़ोतरी. अक्टूबर में कीमतें 5.3% बढ़ीं थीं.
नए लॉन्च सिर्फ 2.8% बढ़े. अक्टूबर में ये 3.4% बढ़े थे.
भारतीय फार्मा बाजार में टॉप 10 थैरेपी का 87% योगदान है.
पेन (दर्द निवारक दवा) सेगमेंट की सेल सबसे ज्यादा 6.7% बढ़ी है.
इसके बाद रेस्पिरेटरी और एंटी इंफेक्टिव्स क्रमश: 6.5% और 5.6% बढ़े हैं.
न्यूरो/CNS 3.3%, जबकि कार्डिएक सेगमेंट में 3% की बढ़ोतरी हुई.
Derma में 0.4% की गिरावट आई.
ओवरऑल फार्मा प्रोडक्ट्स की 12 मंथ रॉलिंग सेल्स या मूविंग एनुअल टोटल नवंबर में 6.9% बढ़ी. इससे एक साल पहले ग्रोथ 7.3% रही थी.
Eris लाइफसाइंजेस की ग्रोथ नवंबर में सबसे ज्यादा 10.5% रही. इसके बाद सिप्ला है, जिसने 8.6% की ग्रोथ दर्ज की. टोरेंट फार्मास्युटिकल्स, ग्लेनमार्क और सन फार्मास्युटिकल में क्रमश: 8.2%, 7.7% और 7.3% की ग्रोथ देखने को मिली.
FDC में 2.3% की ग्रोथ हुई. जबकि Alembic फार्मास्युटिकल्स में 1.2% की ग्रोथ आई है. वहीं, GlaxoSmithKline फार्मास्युटिकल्स में 0.7% की ग्रोथ आई. जबकि मेनकाइंड फार्मा में 1.6% की ग्रोथ आई है.