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वेडिंग सीजन में भी क्‍यों पीक नहीं पकड़ रहा कपड़ों का बाजार, क्‍यों बदला लोगों का नजरिया?

राहुल मेहता ने बताया, 'दूल्हा-दुल्हन आज भी महंगे ब्रैंड चुन रहे हैं, लेकिन मेहमान और परिवार वाले खर्च कम कर रहे हैं.'
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी06:23 PM IST, 28 May 2025NDTV Profit हिंदी
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क्‍या देश में वेडिंग सीजन अब पहले जैसा भव्य नहीं रहा? इस साल की शुरुआत यानी जनवरी से मार्च के बीच शादी के कपड़ों की मांग में गिरावट देखी गई है. आमतौर पर Recession-Proof यानी मंदी से बेअसर मानी जाने वाली एथनिक और डिजाइनर ब्रैंड्स को भी नुकसान झेलना पड़ा है.

मान्‍यवर ब्रैंड से कपड़े बेचने वाली कंपनी वेदांत फैशन ने बताया कि इस तिमाही में उसकी सेम-स्‍टोर सेल्‍स में 4.5% की गिरावट आई है. वहीं, रेमंड लाइफस्‍टाइल (Raymond Lifestyle) की बिक्री में 11% की गिरावट दर्ज की गई.

महंगे डिजाइनर ब्रैंड सब्‍यसाची (Sabyasachi) की बिक्री में भी तेज गिरावट देखने को मिली; पिछले साल इसी तिमाही में 56% की ग्रोथ दिखी थी, जो इस बार घटकर सिर्फ 15% रह गई.

फैमिली मेंबर्स ने हाथ टाइट किया

क्‍लोथिंग मैन्‍युफैक्‍चरर्स एसोसिएशन (Clothing Manufacturers Association of India) के चीफ मेंटर राहुल मेहता ने बताया, 'शादी के कपड़ों की बिक्री उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी. दूल्हा-दुल्हन आज भी महंगे ब्रैंड चुन रहे हैं, लेकिन मेहमान और परिवार वाले खर्च कम कर रहे हैं.'

₹10.5 लाख करोड़
का है इंडियन वेडिंग मार्केट

देश का 'वेडिंग मार्केट' करीब 10.5 लाख करोड़ रुपये का है, जिसमें महिलाओं के कपड़े कुल बिक्री का 75% हिस्सा रखते हैं. पहले इस सेक्टर में लोकल टेलर और बुटीक की भूमिका थी, लेकिन अब Manyavar, Tasva और Ethnix जैसे ब्रैंड्स भी इसमें उतर चुके हैं.

राहुल मेहता के मुताबिक, लोग अब हर शादी के लिए नया कपड़ा नहीं खरीद रहे. वे अपने पुराने कपड़े दोबारा इस्तेमाल कर रहे हैं या एक ही आउटफिट खरीद रहे हैं. इसके अलावा कई डिजाइनर मिड-सीजन क्लियरेंस सेल करने लगे हैं, जिससे बाजार पर और दबाव पड़ा है.

पारंपरिक की बजाय वेस्‍टर्न बना पसंद

बड़े शहरों में अब कुछ जोड़े पारंपरिक कपड़ों की बजाय वेस्टर्न ड्रेस पहनना पसंद कर रहे हैं. साथ ही, पिछले 2-3 सालों में दुकानों की संख्या बहुत बढ़ गई है. एक समय पर जहां रायपुर में केवल एक Manyavar स्टोर था, अब वहां 25 से 30 स्टोर खुल चुके हैं, जिनकी कमाई टिकाऊ नहीं है.

हालांकि इस गिरावट के बीच Tasva जैसी कुछ ब्रैंड्स ने अच्छा प्रदर्शन किया है. Tasva की बिक्री में इस तिमाही 51% की बढ़ोतरी हुई और उसकी लाइक फॉर लाइक सेल्‍स 12% बढ़ी.

वेडिंग सीजन से उम्‍मीद

आदित्‍य बिड़ला फैशन और रेमंड जैसे ब्रैंड्स अब अप्रैल-जून की शादी की तारीखों पर उम्मीदें लगाए बैठे हैं. रेमंड के CFO अमित अग्रवाल ने कहा, 'महंगाई कम हो रही है, लोग फिर से शौकिया खर्च शुरू कर रहे हैं, जिससे अपैरल मार्केट में सुधार के संकेत हैं.'

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