ऑनलाइन टिकट सर्विस ने लोगों की जिंदगी कितनी आसान कर दी है! टिकट के लिए न तो स्टेशन जाने की जरूरत और न ही कहीं लाइन में लगने की. बस मोबाइल में लॉग-इन किया और 2 मिनट में टिकट बुक. करीब 14.5 लाख रिजर्वेशन टिकट ऑनलाइन बुक किए जाते हैं.
यूं तो IRCTC के अलावा रेलवे टिकटिंग के लिए कई सारे मोबाइल ऐप या वेबसाइट्स मौजूद हैं हैं, लेकिन 14.5 लाख में से 81% टिकट केवल IRCTC से बुक किए जाते हैं. ज्यादातर टिकट एजेंट भी IRCTC का ही इस्तेमाल करते हैं. ऑनलाइन रेल टिकटिंग में बाकी ऐप या वेबसाइट की हिस्सेदारी बेहद कम है.
हाल ही में ऑनलाइन टिकटिंग सर्विस ट्रेनमैन (TrainMan) को लेकर चर्चा होने लगी कि अदाणी ग्रुप के 100% अधिग्रहण के बाद ये IRCTC का बड़ा कंपटीटर यानी प्रतिद्वंद्वी बन जाएगा. ये एग्रीगेटर सेवा IRCTC के लिए चुनौती साबित होगी. हालांकि IRCTC ने तुरंत बयान जारी कर इसका खंडन भी कर दिया.
पेटीएम (Paytm), मेक माय ट्रिप (makemytrip), रेड रेल (Redbus/RedRail), रेल यात्री (Railyatri), गो आईबीबो (GoIbibo) या फिर ट्रेनमैन (TrainMan). ऑनलाइन रेल टिकटिंग सर्विस देने वाली ऐसी 32 सर्विसेस प्लेटफॉर्म हैं, जो सरकार द्वारा नियंत्रित IRCTC के 'B2C' यानी बिजनेस-टू-कंज्यूमर पार्टनर्स हैं.
इनमें से किसी भी ऐप से आप ट्रेन की टिकट बुक करते हैं तो IRCTC को कमाई होती है. ये प्लेटफॉर्म ग्राहकों से जो सर्विस चार्ज लेती हैं, उनका एक हिस्सा IRCTC को भी देती हैं.
मान लीजिए कि आपने देसी घी का बिजनेस शुरू किया और ग्राहकों को बेचकर कमाई करने लगे. वही देसी घी आपसे कुछ दुकानदार खरीदने लगें और वे अपने ग्राहकों को बेचने लगे. ये दुकानदार आपके 'B2C' पार्टनर्स कहलाएंगे और ये जितना माल बेचेंगे, आपकी भी कमाई होगी.
ये तो हुई किसी प्रोडक्ट की बात. अब सर्विस की बात करें तो आपके घरों में इंटरनेट सर्विस, इस तरह भी पहुंचता है. BSNL, RailTel या अन्य कंपनियों से इंटरनेट सर्विस लेकर कई निजी कंपनियां ऑप्टिकल फाइबर के जरिये आप तक इंटरनेट पहुंचाती हैं. उनकी कमाई का हिस्सा भी मूल सर्विस प्रोवाइडर तक पहुंचता है. IRCTC के साथ भी ऐसा ही है. उनके 'B2C' पार्टनर्स की बदौलत कमाई का एक हिस्सा उसे पहुंचता है.
आपको जानकर आश्चर्य हो सकता है कि वित्त वर्ष 2022 में IRCTC ने पेटीएम के जरिये 12 रुपये प्रति टिकट के हिसाब से 70 करोड़ रुपये कमा लिए.
आप ये तो समझ चुके होंगे कि रेलवे टिकटिंग में IRCTC का 100% एकाधिकार है. चाहे आप IRCTC से टिकट बुक करें या पेटीएम, ट्रेनमैन, मेकमायट्रिप जैसे एग्रीगेटर्स से, IRCTC सबसे पैसे कमाता है. एक्सचेंज फाइलिंग में IRCTC ने अपने बिजनेस मॉडल की व्याख्या की है. इसने बताया है कि हर दिन बुक होने वाले करीब 14.5 लाख टिकटों में से 81% हिस्सेदारी IRCTC की रहती है.
IRCTC की कमाई का 54% हिस्सा Online Ticket से आता है. IRCTC हर बुकिंग पर सर्विस चार्ज लेती है. नॉन एसी क्लास के ये चार्ज 20 रुपये, जबकि एसी क्लास के लिए 40 रुपये है. ये पैसे IRCTC की कमाई में जुड़ते हैं. इसके अलावा ग्राहकों को 18% GST भी देना होता है, जो सरकार को जाता है.
ICICIdirect के अनुसार, इसके अलावा इसकी कमाई के और भी कई साधन हैं. अपनी खानपान सेवा IRCTC Food से ये 27% कमाई करता है. 9% कमाई रेल नीर यानी बोतलबंद पानी से होती है. टूरिज्म यानी टूर पैकेजेस बेचकर ये 8% कमाई करता है, जबकि इसकी 2% कमाई तीर्थाटन से होती है.
वित्त वर्ष 2022-23 में 3,540 करोड़ की आय और 30% के नेट प्रॉफिट मार्जिन के साथ IRCTC भारत में सबसे ज्यादा फायदे वाले ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों में से एक है.
सवाल है कि टिकटिंग के क्षेत्र में IRCTC के लिए बड़ा कंपटीटर कौन है, इसे किससे बड़ी चुनौती मिल रही है? ICICIdirect ने अपने विश्लेषण में कहा है कि IRCTC का कंपटीशन अन्य बुकिंग पोर्टल या सेवाओं से नहीं, बल्कि ऑफलाइन रेलवे टिकटिंग (और एयरलाइंस) से है. हालांकि रेल टिकटिंग में पिछले एक दशक में IRCTC ने ऑफलाइन रेलवे टिकटिंग को काफी पछाड़ा है.
आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2010-11 में 40% टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग होती थी, वहीं 2013-14 में ये आंकड़ा 10% बढ़कर 50% तक पहुंच गया. जबकि 2021-22 में 80.5% यानी करीब 81% बुकिंग ऑनलाइन ही होती है. ये आंकड़े केवल IRCTC के हैं.
ICICIdirect के अनुसार, एक निवेशक के लिए IRCTC को लेकर मुख्य जोखिम सरकार की नीति है. IRCTC ऑनलाइन टिकट बुक करने के लिए सर्विस चार्ज वसूल कर पैसा कमाता है. अक्टूबर 2021 में, सरकार ने इस सर्विस चार्ज का 50% राजस्व हिस्सा लेने की एकतरफा घोषणा की थी, जिससे इसका स्टॉक दिन में 20% तक गिर गया था.
सरकार की इस नीति ने 200 करोड़ रुपये की कमाई तो कराई, लेकिन IRCTC के मार्केट कैप में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ. OFS के जरिये हाल ही में 5% हिस्सेदारी बेचने के बाद सरकार की IRCTC में 62.5% हिस्सेदारी है.