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IT कंपनियों ने घटाई सब-कॉन्ट्रैक्टिंग; डिस्क्रेशनरी खर्च घटा, ऑटोमेशन बढ़ा

भारतीय IT कंपनियों के लिए सब-कॉन्ट्रैक्टिंग लागत घट रही है, क्योंकि डिस्क्रेशनरी प्रोजेक्ट्स कम हो रहे हैं और ऑटोमेशन का इस्तेमाल बढ़ा है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी06:05 PM IST, 15 May 2025NDTV Profit हिंदी
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भारतीय IT कंपनियों के लिए सब-कॉन्ट्रैक्टिंग (Sub-Contracting) लागत घट रही है, क्योंकि डिस्क्रेशनरी प्रोजेक्ट्स कम हो रहे हैं और ऑटोमेशन (Automation) का इस्तेमाल बढ़ा है. इससे बाहरी वेंडर्स और ऑपरेशन को स्ट्रीमलाइन करने की जरूरत घटी है.

अन्य वेंडर्स को कुछ खास काम आउटसोर्स करने के लिए IT कंपनियां जो खर्च उठाती हैं, वो सब-कॉन्ट्रैक्टिंग खर्च होता है. आमतौर पर डिमांड घटने पर लागत कम करने के लिए सब-कॉन्ट्रैक्टर्स पर निर्भरता में कटौती की जाती है. कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ की लागत, फुल टाइम कर्मचारियों की नियुक्ति से ज्यादा होती है.

क्यों IT कंपनियां उठा रही हैं ये कदम?

सब-कॉन्ट्रैक्टिंग लागत में कमी का इस्तेमाल मार्जिन बनाए रखने के लिए एक लेवर के रूप में किया जा रहा है. कैटालिनक्स के पार्टनर रामकुमार राममूर्ति ने कहा, 'IT कंपनियां खास निपुणता तक पहुंचने के लिए, स्किल की जरूरतों को पूरा करने और डिस्क्रेशनरी प्रोग्राम्स को बढ़ाने के लिए सब-कॉन्ट्रैक्टर्स का इस्तेमाल करती हैं. ये देखते हुए कि डिस्क्रेशनरी प्रोग्राम्स घट रहे हैं, कंपनियां हर मार्जिन लेवर को ज्यादा से ज्यादा बढ़ा रही हैं.'

उन्होंने कहा कि इसमें सब-कॉन्ट्रैक्टर्स के इस्तेमाल को कम करना, यूटिलाइजेशन रेट में बढ़ोतरी करना, ट्रैवल पर खर्च को नियंत्रित करना, डिस्क्रेशनरी जनरल और एडमिनिस्ट्रेटिव खर्चों (G&A) को कम करना और कर्मचारी पिरामिड स्ट्रक्टर्स को बेहतर बनाना है.

डिमांड घटने से मार्जिन पर असर

FY25 में टॉप IT कंपनियों के मार्जिन सीमित दायरे में रहे हैं. क्योंकि मैक्रो-इकोनॉमिक फैक्टर्स के कारण मांग सुस्त बनी हुई है. मार्जिन में बढ़ोतरी की संभावनाएं कम हैं, क्योंकि कंपनियां अब अन्य लेवर के जरिए फायदा उठाना चाहती हैं.

TCS के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) समीर सेकसरिया ने हाल के चौथी तिमाही के नतीजों में कहा, 'अगर मौजूदा अनिश्चितता बनी रहती है, तो इससे ऑपरेटिंग क्षमता कम हो सकती है क्योंकि यूटिलाइजेशन पर असर होगा और मांग में अचानक कमी या देरी से मार्जिन पर असर पड़ सकता है.' कंपनी को उम्मीद है कि बड़े स्तर पर रेवेन्यू में बढ़ोतरी से बेहतर ऑपरेशन का फायदा मिलेगा.

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