ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (AIMA) के अध्यक्ष सी के रंगनाथन (C K Ranganathan) ने मंगलवार को कहा कि ऊर्जा, खाद्य, वित्त एवं कच्चे माल के वैश्विक बाजारों में गतिरोध से कोविड महामारी के बाद की महंगाई से निपटना मुश्किल हो सकता है. रंगनाथन ने कहा कि महामारी के बाद की मुद्रास्फीति का सामना करना मौजूदा भू-राजनीतिक हालात की वजह से और भी मुश्किल होता जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘शक्तिशाली प्रतिद्वंद्वियों के बीच इस समय एक-दूसरे को प्रतिबंधित करने की जंग छिड़ी हुई है. इससे जरूरी चीजों की किल्लत और मुद्रास्फीतिक अपेक्षाओं के डर को बढ़ावा मिलता है.''
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से ही पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं. वहीं रूस ने पेट्रोलियम एवं गैस की आपूर्ति को बाधित कर दिया है. केविनकेयर के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक रंगनाथन ने आइमा के राष्ट्रीय प्रबंध सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हालांकि, भारत के पास लाभ की कई स्थितियां हैं और वह दुनिया में हो रहे बदलाव और अनिश्चितताओं की वजह से पैदा हुई चुनौतियों से निपटने के लिए इनका इस्तेमाल कर सकता है.''
उन्होंने कहा कि भारत के नेताओं को भू-राजनीतिक परिस्थितियों के अप्रत्याशित स्वरूप को लेकर सजग रहना होगा और उसके हिसाब से जरूरी नीतिगत कदम उठाने होंगे. उन्होंने कहा कि भारत को अपने टिकाऊ लाभों पर ध्यान देना होगा ताकि मौजूदा चिंताएं हावी न हों.