लिस्टिंग के बाद विदेशी निवेशक ITC होटल्स में 100% तक हिस्सेदारी होल्ड कर सकते हैं. कंपनी ने एक स्टेटमेंट में ये जानकारी दी है. ऐसा इसलिए है क्योंकि होटल सेक्टर FDI नियमों के तहत 100% ऑटोमैटिक रूट से फंडिंग जुटा सकता है.
फिलहाल ITC होटल्स की पेरेंट कंपनी ITC में विदेशी निवेश की अधिकतम सीमा 34% पर तय है. इसमें नॉन रेसिडेंट इंडियंस के लिए 10% और फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स के लिए 24% होल्डिंग कैप तय की गया है. लेकिन ये सीमा ITC होटल्स पर लागू नहीं होगी. इसके अलावा ITC में ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको (BAT) के FDI के जरिए 25.46% का निवेश है.
दरअसल BAT की ये हिस्सेदारी विदेशी निवेश से जुड़े नियम आने से पहले से है. इसलिए इसमें छूट है. BAT, ITC में अपना निवेश सिर्फ कम कर सकती है और इसे बढ़ा नहीं पाएगी. BAT पहले ही साफ कर चुकी है कि कंपनी सभी नॉन कोर बिजनेसेज से बाहर निकलेगी. अनुमान है कि ये ITC होटल्स में भी अपनी हिस्सेदारी बेचेगी.
अब निवेश के नियम विदेशी निवेशकों को 100% हिस्सेदारी के अधिग्रहण की अनुमति देते हैं. लेकिन वास्तविकता ये है कि कंपनी में विदेशी निवेशक 60% से ज्यादा हिस्सेदारी होल्ड नहीं कर सकते.
ऐसा इसलिए है क्योंकि पेरेंट कंपनी ने जो स्कीम बताई है, जिस पर शेयरहोल्डर्स, क्रेडिटर्स और आखिर में NCLT ने मंजूरी दी है, उसके मुताबिक पेरेंट ITC, होटल कंपनी में लिस्टिंग के बाद 40% हिस्सेदारी रखेगी. इस तरह विदेशी निवेशक अधिकतम 60% हिस्सेदारी रख पाएंगे, जिसमें BAT की 15.3% की हिस्सेदारी भी शामिल है.
30 सितंबर, 2024 को जब लिस्टिंग होगी, तब विदेशी निवेशकों की होटल बिजनेस में 9% की हिस्सेदारी होगी. अहम घरेलू संस्थानों में से LIC के पास ITC होटल्स में 9% हिस्सेदारी होगी, जबकि इसकी ITC में करीब 15% की हिस्सेदारी है.