FMCG और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी ITC और इसके होटल बिजनेस का डीमर्जर आज यानी 6 जनवरी से प्रभावी हो गया है. देश की टॉप वैल्युएबल कंपनियों में शामिल ITC की होटल आर्म (ITC Hotels) को डीमर्जर होने पर 1,500 करोड़ रुपये कैश और कैश इक्विवेलेंट (Cash & Cash Equivalent) मिलेंगे.
बता दें कि कैश इक्विवेलेंट में बैंक डिपॉजिट्स, सेविंग अकाउंट्स, मनी मार्केट फंड, कमर्शियल पेपर और शॉर्ट टर्म सरकारी बॉन्ड जैसे लो-रिस्क इन्वेस्टमेंट शामिल होते हैं, जिन्हें 90 दिनों के भीतर कैश में कन्वर्ट किया जा सकता है.
ITC होटल्स लिमिटेड को ITC लिमिटेड से अलग किया जाना है और इस डीमर्जर के लिए कंपनी की रिकॉर्ड डेट और ITC लिमिटेड के शेयरों की एक्स-डेट 6 जनवरी तय की गई है.
ITC होटल्स में मूल कंपनी (ITC Ltd.) की करीब 40% हिस्सेदारी होगी और शेष हिस्सेदारी ITC के शेयरहोल्डर्स के पास होगी. ये संभावना है कि लिस्टिंग समय सीमा से काफी पहले होगी, क्योंकि ITC पहले से ही इंडेक्स का हिस्सा है और ITC होटल्स इंडेक्स में निष्क्रिय स्टॉक के रूप में तब तक बना रहेगा जब तक कि इसका कारोबार शुरू नहीं हो जाता.
डीमर्जर के बाद योजना के तहत होटल व्यवसाय का हिस्सा बनने वाली प्रॉपर्टीज, एसेट्स, निवेश, कर्मचारी, देनदारियां और कॉन्ट्रैक्ट्स ITC होटल्स को ट्रांसफर किए जाएंगे.
इसके अलावा ITC ग्रैंड सेंट्रल, मुंबई के ऑपरेशन और मैनेजमेंट करने के लिए ITC और ITC होटल्स के बीच एक सर्विस एग्रीमेंट होगा.
इस डीमर्जर के कारण होटल व्यवसाय से जुड़ी प्रॉपर्टीज जैसे कार्यालय, प्रबंधकीय या कर्मचारी आवास वगैरह भी ITC होटल्स को ट्रांसफर हो जाएंगे. इसके अलावा ग्रोथ प्लान्स और आकस्मिक जरूरतों को पूरा करने के लिए 1,500 करोड़ रुपये के कैश और कैश इक्विवेलेंट भी ITC होटल्स की बैलेंस शीट का हिस्सा होंगे.
होटल व्यवसाय का हिस्सा बनने वाली हॉस्पिटैलिटी यूनिट्स में सारे निवेश ITC होटल्स को ट्रांसफर किए जाएंगे. इस सूची में बे आइलैंड्स होटल्स लिमिटेड, फॉर्च्यून पार्क होटल्स, लैंडबेस इंडिया, श्रीनिवास रिसॉर्ट्स, वेलकम होटल्स लंका प्राइवेट लिमिटेड, गुजरात होटल्स, इंटरनेशनल ट्रैवल हाउस और महाराजा हेरिटेज रिसॉर्ट्स शामिल हैं.
EIH लिमिटेड और HLV लिमिटेड में वित्तीय निवेश और लॉजिक्स डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड जैसे नॉन-ऑपरेशनल इन्वेस्टमेंट, डीमर्जर प्लान के अनुसार मूल कंपनी के पास रहेंगे. कंपनी ने कहा कि ITC होटल्स की बैलेंस शीट पर कोई कर्ज नहीं होगा और कैश जेनरेटिंग ऑपरेशंस आएगा. कंपनी हर साल अपनी आय का 8-10% कैपिटल इन्वेस्टमेंट में लगाएगी.