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खत्म नहीं हो रही मुश्किलें! जयप्रकाश एसोसिएट्स ने 4,616 करोड़ रुपये का लोन डिफॉल्ट किया

कंपनी ने बताया कि 29,805 करोड़ रुपये के कुल लोन में से 18,955 करोड़ रुपये प्रस्तावित स्पेशल परपज व्हीकल (SPV) में ट्रांसफर किए जाएंगे.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी02:21 PM IST, 07 May 2024NDTV Profit हिंदी
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मुश्किलों से जूझ रही जेपी ग्रुप (Jaypee Group) की प्रमुख कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स (Jaiprakash Associates) 4616 करोड़ रुपये का लोन डिफॉल्ट कर दिया है.

PTI में छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक जयप्रकाश एसोसिएट्स (JAL) ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में ये जानकारी दी है कि 30 अप्रैल को कंपनी ने 4616 करोड़ रुपये का लोन डिफॉल्ट किया है, जिसमें 1,751 करोड़ रुपये का प्रिंसिपल अमाउंट है और 2,865 करोड़ रुपये ब्याज की रकम है.

JAL पर 29,000 करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज

JAL ने बताया है कि 'उसके ऊपर कुल कर्ज 29,805 करोड़ रुपये का है, जो उसे 2037 तक चुकाना है. जिसमें 30 अप्रैल, 2024 तक 4,616 करोड़ रुपये चुकाने थे.' ये लोन कई बैंकों से लिए गए थे, और इन कर्जों की प्रकृति फंड-बेस्ड वर्किंग कैपिटल, नॉन-फंड बेस्ट वर्किंग कैपिटल, टर्म लोन और फॉरेन करेंसी कन्वर्टिबल बॉन्ड है.

कंपनी ने बताया कि 29,805 करोड़ रुपये के कुल लोन में से 18,955 करोड़ रुपये प्रस्तावित स्पेशल परपज व्हीकल (SPV) में ट्रांसफर किए जाएंगे. इसके लिए, एक स्कीम ऑफ अरेंजमेंट है, जिसे सभी स्टेकहोल्डर्स से मंजूरी मिली हुई है, सिर्फ NCLT के पास मंजूरी के लिए पेंडिंग है.

कंपनी ने कहा, पूरे लोन की ही रीस्ट्रक्चरिंग होनी है, एक जिम्मेदार उधारकर्ता के रूप में, कंपनी उधारी को कम करने के लिए ठोस कदम उठा रही है. JAL ने कहा, सीमेंट कारोबार के प्रस्तावित विनिवेश और पुनर्गठन की योजना के बाद, संशोधित रीस्ट्रक्चरिंग योजना के शुरू होने पर कर्ज करीब शून्य हो जाएगा.

कई बैंक पहुंचे NCLT 

JAL ने कहा कि ICICI बैंक ने कंपनी के खिलाफ IBC 2016 की धारा 7 के तहत RBI के निर्देश पर NCLT इलाहाबाद का दरवाजा खटखटाया था. कंपनी ने इस कदम का विरोध किया है.

JAL के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक ने भी कंपनी के खिलाफ NCLT इलाहाबाद के सामने IBC 2016 की धारा 7 के तहत एक याचिका दायर की है.

एक तरफ कर्ज कम करने के लिए जयप्रकाश एसोसिएट्स अपने सीमेंट प्लांट बेच रही है, तो दूसरी तरफ बैंकों ने उसे NCLT में घसीटा है. सितंबर 2018 में, ICICI बैंक ने JAL के खिलाफ दिवालिया याचिका दायर की थी. SBI ने भी 15 सितंबर, 2022 तक कुल 6,893.15 करोड़ रुपये के डिफॉल्ट को लेकर JAL के खिलाफ NCLT का दरवाजा खटखटाया था.

अपनी एक पूर्व में सब्सिडियरी रही जेपी इंफ्राटेक से जुड़े एक मामले में मुंबई की रियल्टी फर्म सुरक्षा ग्रुप को मार्च 2023 में JIL का अधिग्रहण करने और नोएडा में लगभग 20,000 अपार्टमेंट को पूरा करने के लिए अपनी बोली के लिए NCLT से मंजूरी मिल गई थी.हालांकि, कई पक्षों ने NCLT के आदेश के खिलाफ NCLAT का दरवाजा खटखटाया है.

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