भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव (India-Canada Controversy) के बीच दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापार पर इसका असर होने की चर्चा शुरू हो गई है. हालांकि, मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस तनाव से प्रतिष्ठित कनाडाई संस्थानों के निवेश (Canadian Pension Funds Investments) पर असर पड़ने की संभावना नहीं है.
मार्केट एक्सपर्ट्स, मौजूदा कूटनीतिक झड़प को 'सतही और अस्थायी' झटका बता रहे हैं.
'राजनीति और व्यापार दोनों अलग'
इंडिया इन्फोलाइन ग्रुप के संस्थापक निर्मल जैन ने BQ Prime से बातचीत में कहा, 'निवेशक समझदार हैं. वे जानते-समझते हैं कि राजनीति और व्यापार दोनों अलग-अलग चीजें हैं.' उन्होंने कहा, 'भारत सुसंगत नीतियों वाला एक मजबूत लोकतंत्र है. कनाडा से एक महत्वपूर्ण फ्लो दिखा है और मुझे नहीं लगता कि इसका असर होगा.'
देश में कनाडा का बड़ा निवेश
एनर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर, बैंक जैसे सेक्टर में भारतीय कंपनियों और प्रोजेक्ट्स में CPPIB और CDPQ जैसे कनाडाई पेंशन फंड, सबसे बड़े संस्थागत निवेशकों में से हैं. नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के अनुसार, उत्तरी अमेरिकी देश के वित्तीय संस्थानों ने घरेलू बाजार में 1.77 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है. इनमें से करीब 85% निवेश केवल इक्विटी में है.
निवेश पर असर की संभावना नहीं'
मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा का कहना है कि कनाडाई सरकार की घरेलू मजबूरियों के कारण ये कार्रवाई अधिक राजनीतिक दिखती है. उन्होंने कहा, 'हमें इस कार्रवाई का ज्यादा प्रसार होता नहीं दिख रहा है, और इसका भारतीय निवेश पर कोई असर भी नहीं दिख रहा है.'
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडाई नागरिक और अलगाववादी सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में 'भारत सरकार से जुड़े एजेंटों' की भूमिका होने का आरोप लगाया है.
कनाडा में भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने के बाद भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और 'जैसे को तैसा' कदम उठाते हुए एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया है. भारत सरकार ने कनाडा के इन अनर्गल आरोपों से इनकार किया है.