ADVERTISEMENT

पसंदीदा ब्रैंड को प्रोमोट कर कमा सकते हैं लाखों रुपये, जानें कैसे बनते हैं Brand Evangelist

ब्रैंड इवेन्जलिस्ट वो व्यक्ति होता है, जो आपके प्रोडक्ट या सर्विस में इतना भरोसा करता है कि वो दूसरे लोगों तक इसका प्रचार करता है.
NDTV Profit हिंदीराघव वाधवा
NDTV Profit हिंदी02:30 PM IST, 29 Jul 2023NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

आपने कभी-न-कभी किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी व्यक्ति को एक ब्रैंड की तारीफ करते हुए सुना होगा. लेकिन क्या आपको पता है कि इसे ब्रैंड इवेन्जलिज्म (Brand Evangelism) कहते हैं. जो व्यक्ति ये कर रहा है, वो होता है ब्रैंड इवेन्जलिस्ट.

ब्रैंड इवेन्जलिस्ट (Brand Evangelist) वो व्यक्ति होता है, जो आपके प्रोडक्ट या सर्विस में इतना भरोसा करता है, कि वो दूसरे लोगों तक इसका प्रचार करता है. कुछ ब्रैंड इवेन्जलिस्ट इस काम के लिए पैसे लेते हैं, तो कुछ ये मुफ्त में करते हैं.

ब्रैंड इवेन्जलिज्म को आसानी से समझें, तो इसमें एक व्यक्ति दूसरे से किसी सामान या सर्विस को इस्तेमाल करने की सिफारिश करता है. इसे प्रोमोशन का सबसे बेहतर तरीका माना जाता है. ब्रैंड इवेन्जलिस्ट किसी भी कंपनी के लिए एक बेहतरीन मार्किटिंग एसेट है.

ब्रैंड इवेन्जलिस्ट कैसे करते हैं प्रमोट?

ब्रैंड इवेन्जलिस्ट ट्विटर, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं. वो फेसबुक पर पोस्ट लिख सकते हैं, किसी ब्रैंड की तारीफ में ट्वीट कर सकते हैं या अपने यूट्यूब चैनल पर वीडियो डाल सकते हैं. इसके अलावा वो ब्लॉग पोस्ट लिख सकते हैं, किसी कॉन्फ्रेंस में बोल सकते हैं या वेबिनार भी आयोजित करते हैं.

हालांकि, ध्यान रखें कि सेलिब्रिटी द्वारा प्रमोशन किया जाना ब्रैंड इवेन्जलिज्म नहीं है. ये अलग है. ब्रैंड इवेन्जलिस्ट सामान्य लोग होते हैं. ये किसी ब्रैंड के आम ग्राहक होते हैं, जो उसे पसंद करते हैं. वो सिर्फ ब्रैंड के प्रोडक्ट को खरीदना नहीं चाहते. बल्कि वो दूसरों को भी उसकी खासियत के बारे में बताना और उन्हें इसे खरीदने के लिए बढ़ावा देना चाहते हैं.

ब्रैंड इवेन्जलिज्म किसी भी कंपनी के लिए काफी फायदेमंद है. माइक्रोसॉफ्ट, HP, Adobe और कई दूसरी कंपनियां ब्रैंड इवेन्जलिस्ट को प्रोफेशनली पे-रोल पर रखती हैं. दिग्गज टेक कंपनी एप्पल इस रणनीति का कई सालों से इस्तेमाल कर रही है. ये उन पहली कंपनियों में से है, जिसने इसे अपनाया था.

सोशल मीडिया के अलावा ब्लॉग अहम

BQ प्राइम हिंदी ने ब्रैंड इवेन्जलिस्ट शिवम तोमर से बात की. उन्होंने बातचीत के दौरान बताया कि वो कई टूरिज्म और ट्रैवल सेवाओं से संबंधित ब्रैंड्स को लेकर बात करते रहे हैं. उन्होंने SUUNTO, रॉयल एनफील्ड, इनेस्केप ट्रैवल एंड लिविंग, कोलंबिया को प्रमोट किया है. तोमर ने कहा कि किसी ब्रैंड को प्रमोट करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे इंस्टाग्राम और ट्विटर अहम हैं. उनके मुताबिक जब आपका ग्राहक, यूजर जेनरेटेड ब्लॉग बनाना शुरू कर दें, तो आप सफल हैं.

कोई भी व्यक्ति बन सकता है ब्रैंड इवेन्जलिस्ट

ये पूछे जाने पर कि क्या वो जिन ब्रैंड्स को प्रमोट करते हैं, उन्हें असल में पसंद करते हैं? तोमर ने जवाब दिया कि 'हां, मैं हमेशा चुनता हूं कि मैं किन ब्रैंड्स के साथ काम करूं. मैं उस ब्रैंड के साथ काम नहीं करूंगा, जिसके साथ मैं कनेक्ट नहीं करता. उन्होंने ये भी बताया कि 'ब्रैंड इवेन्जलिस्ट बनने के लिए कोई योग्यता नहीं चाहिए. कोई भी व्यक्ति ये बन सकता है. जब आप किसी ब्रैंड में विश्वास रखते हैं, तो ये काम शुरू हो जाता है. अगर आप मेरिट के आधार पर किसी को ब्रैंड की सिफारिश करते हैं, तो आप एक ब्रैंड इवेन्जलिस्ट हैं.'

ब्रैंड इवेन्जलिस्ट बनकर कितनी कमाई कर सकते हैं?

शिवम तोमर ने बताया कि एक ब्रैंड इवेन्जलिस्ट सालाना कम से कम 5 से 6 लाख रुपये तक की कमाई कर लेता है. इसमें कंपनियां कैश के अलावा वाउचर ऑफर करती हैं.

इसके अलावा BQ प्राइम हिंदी ने एक अन्य ब्रैंड इवेन्जलिस्ट अनिर्जित घोष से भी बात की है. अनिर्जित ब्रैंड्स को बिना किसी पैसा लिए प्रमोट करते हैं. वो Gillette, फैब इंडिया, वेस्ट साइड और पेपर बोट जैसे ब्रैंड्स का प्रचार करते हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए वो ब्लॉग और बातचीत का जरिया अपनाते हैं. उन्हें लगता है कि ये सबसे बेहतर तरीका है.

ब्रैंड के बारे में जागरूकता और प्राइमेरी मार्केट रिसर्च जरूरी

ये पूछे जाने पर कि क्या वो जिन ब्रैंड्स को प्रमोट करते हैं, उन्हें असल में पसंद करते हैं, अनिर्जित ने बताया कि वो सिर्फ उसी ब्रैंड के लिए बात करते हैं, जिससे वो खुद को जोड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि ब्रैंड इवेन्जलिज्म से पहले ब्रैंड लॉयल्टी आती है. उन्होंने कहा कि 'आप खुद किसी भी समय ये शुरू कर सकते हैं. मेरे लिए ये थोड़ा आसान था, क्योंकि मुझे विज्ञापन देखना पसंद था. ब्रैंड के बारे में जागरूकता और प्राइमेरी मार्केट रिसर्च शुरुआती बिंदु हो सकते हैं. क्योंकि मैंने कम्युनिकेशन मैनेजमेंट में मास्टर्स पूरी की थी, मुझे ब्रैंड इवेन्जलिज्म के बारे में पढ़ने को मिला. आज बहुत से एडटेक प्लेयर्स ऑनलाइन ब्रैंड इवेन्जलिज्म मार्केटिंग कोर्स ऑफर करते हैं.'

अनिर्जित घोष का कहना है कि ब्रैंड्स को प्रमोट करने में इंस्टाग्राम सबसे बेहतर काम करता है. उनसे ये सवाल भी किया गया कि क्या इसे लोग मार्केटिंग तो नहीं समझ लेते हैं. जवाब में उन्होंने हां कहा. अनिर्जित कहते हैं कि जैसे ही आप अपने ब्रैंड की थोड़ी ज्यादा तारीफ करते हैं, तो आपके आसपास के लोग गलत समझने लगते हैं.

कई मैनेजमेंट कॉलेज में कोर्स मौजूद

देश में कई ऐसे मैनेजमेंट स्कूल या कॉलेज भी मौजूद हैं, जो ब्रैंड इवेन्जलिज्म से जुड़े सर्टिफिकेट प्रोग्राम चला रहे हैं. MICA अहमदाबाद में स्ट्रैटजिक ब्रांड मैनेजमेंट एंड कम्युनिकेशंस में सर्टिफिकेट कोर्स मौजूद है. वहीं, भारतीय विद्या भवन का SP जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च भी ब्रैंड मैनेजमेंट को लेकर सर्टिफिकेट प्रोग्राम चलाता है.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT