महादेव बेटिंग ऐप घोटाला (Mahadev Betting App Scam) इन दिनों चर्चा में है. डाबर ग्रुप के स्वामित्व वाले बर्मन परिवार ने महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले की जांच में उनके कथित रूप से शामिल होने से संबंधित मुंबई पुलिस की FIR पर कोई भी सूचना मिलने से इनकार किया है.
BQ Prime ने ANI के हवाले से खबर दी है कि मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने महादेव बेटिंग ऐप घोटाले के मामले में 32 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. जिसमें डाबर ग्रुप के डायरेक्टर गौरव बर्मन (Gaurav Burman) और कंपनी के चेयरमैन मोहित बर्मन (Mohit Burman) का नाम भी शामिल है.
बर्मन परिवार के प्रवक्ता ने कहा, 'हमें किसी भी FIR से जुड़ा आधिकारिक पत्र नहीं मिला है. हालांकि, हमने वो FIR देखी है, जो इस दौरान मीडिया हाउस में सर्कुलेट हो रही है.' उन्होंने आगे कहा, 'ये FIR पूरी तरह से फर्जी और आधारहीन है. FIR में जिस तरह से गलत तरीके से लिखा गया है, सच्चाई के आगे वह ठहर नहीं पाएगा.'
सोशल एक्टिविस्ट प्रकाश बंकर ने 7 नवंबर को इस मामले में FIR दर्ज कराई थी.
इस पर बर्मन परिवार ने आरोप लगाया था, 'ये कुछ और नहीं बल्कि कुछ लोगों का अपने हितों को साधने के लिए उठाया गया कदम है, ताकि बर्मन परिवार द्वारा रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के अधिग्रहण को रोका जा सके'.
'आश्चर्यजनक रूप से, ये FIR भी उस वक्त आई है, जब बर्मन परिवार रेलिगेयर एंटरप्राइजेज (Religare Enterprises) में अपनी हिस्सेदारी को 21.24% से बढ़ाना चाहता है और SEBI के टेकओवर कोड के तहत वैध ओपन ऑफर लाया है. बयान के मुताबिक, इसके एक भाग के रूप में बर्मन परिवार, मौजूदा अध्यक्ष डॉ. रश्मि सलूजा द्वारा किए जा रहे शासन से जुड़े मुद्दों को बोर्ड और रेगुलेटर्स के ध्यान में लेकर लाया.'
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में 14 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें महादेव बेटिंग ऐप के प्रोमोटर्स, सौरभ चंद्राकर (Sourabh Chandrakar) और रवि उप्पल (Ravi Uppal) शामिल हैं. इस चार्जशीट में आरोपितों पर शेल कंपनियों के नेटवर्क और बैंक अकाउंट्स के जरिए 6,000 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है.