हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट की हवा निकल चुकी है. बड़े-बड़े दावों और आरोपों के साथ सनसनी मचाने के लिए लॉन्च की गई इस रिपोर्ट को न तो बाजार ने भाव दिया और न ही बाजार के एक्सपर्ट्स ने. सिरे से नकारी गई इस रिपोर्ट को अगला धक्का मॉरीशस के फाइनेंशियल सर्विसेज कमीशन (FSC) से लगा है.
FSC ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने जिस ऑफशोर फंड का नाम लेकर हितों के टकराव का आरोप मढ़ा है, वो मॉरीशस में है ही नहीं, फाइनेंशियल सर्विसेज कमीशन ने साफ किया कि वो शेल कंपनियों को बनाने की इजाजत नहीं देता है.
FSC का ये तगड़ा जवाब हिंडनबर्ग की 10 अगस्त, 2024 को आई उस रिपोर्ट को लेकर है, जिसमें 'मॉरीशस-आधारित शेल कंपनियों का जिक्र किया गया था और मॉरीशस को 'टैक्स हेवेन' के रूप में बताया गया था.
FSC- जो नॉन-बैंक फाइनेंशियल सेक्टर और ग्लोबल बिजनेस को नियंत्रित करता है, रेगुलेटर आगे कहता है कि रिपोर्ट में जिन दो फंड्स 'IPE Plus Fund' और 'IPE Plus Fund 1' का जिक्र किया गया है, ये दोनों ही FSC के साथ रजिस्टर्ड नहीं हैं, और मॉरीशस में निवास भी नहीं करते हैं. FSC ने फंड और मॉरीशस के बीच किसी भी तरह के रिश्ते से साफ इनकार किया है.
FSC ने इस बात का भी जिक्र किया है कि मॉरीशस में ग्लोबल बिजनेस कंपनियों के लिए एक बेहद सख्त रेगुलेटरी फ्रेमवर्क है, और कंपनियों को फाइनेंशियल सर्विसेज एक्ट की धारा 71 के तहत जरूरतों को पूरा करना होता है. जिसकी रेगुलेटर सख्ती से निगरानी करता है. FSC ने यह भी कहा कि मॉरीशस अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन करता है और इसे ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (OECD) के मानकों के अनुरूप माना गया है.
FSC ने कहा कि नुकसानदेह टैक्स चलन पर OECD फोरम की एक तुलनात्मक समीक्षा के मुताबिक, OECD ने इस बात की पुष्टि की है कि मॉरीशस में कोई हानिकारक टैक्स सुविधाएं नहीं हैं, इसे एक अच्छी तरह से रेगुलेटेड, पारदर्शी और कंप्लायंट क्षेत्राधिकार के रूप में मान्यता दी गई है. इसलिए, मॉरीशस को टैक्स हेवेन का लेबल नहीं दिया जा सकता है.