स्विगी के IPO को SEBI से मंजूरी के बाद अब शेयर बाजार से जुड़े लोग इसकी वैल्यूएशन पर तमाम तरह के कयास लगा रहे हैं. अब दिग्गज ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनली ने DRHP का एनालिसिस किया है और इससे निकले डेटा की जोमैटो के आंकड़ों से तुलना की है.
एनालिसिस के मुताबिक स्विगी, ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू और मुनाफे से जुड़े पैमानों पर जोमैटो से पीछे है. हालांकि हाल में स्विगी के फाइनेंशियल परफॉर्मेंस में सुधार देखा गया है.
मॉर्गन स्टैनली ने कहा कि स्विगी फिलहाल फूड डिलीवरी के लिए 681 शहरों में ऑपरेट करती है, लेकिन इसकी तुलना में FY25 के पहले क्वार्टर में जोमैटो का मार्केट शेयर बढ़कर 58% पहुंच गया. जबकि FY22 में ये 54% था.
ब्रोकरेज ने कहा कि स्विगी की 'GOV/मंथली एक्टिव यूजर' बेहतर है. लेकिन अन्य पैमानों पर ये अब भी पीछे है, कंट्रीब्यूशन मार्जिन के मामले में स्विगी अब भी जोमैटो से 100 बेसिस प्वाइंट पीछे है. इसी तरह FY25 के पहले क्वार्टर में स्विगी का एडजस्टेड EBITDA मार्जिन सिर्फ 0.8% है, जबकि इसकी तुलना में जोमैटो के लिए ये आंकड़ा 3.4% है.
तेजी से बढ़ते क्विक कॉमर्स सेक्टर के बावजूद 32 शहरों में स्विगी के ऑपरेशंस मुनाफे में नहीं आए हैं. इनका कंट्रीब्यूशन मार्जिन -3.2% है. जबकि इसकी तुलना में जोमैटो के ब्लिंकिट का कंट्रीब्यूशन मार्जिन पॉजिटिव है.
मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक इस बड़े अंतर को पाटने के लिए स्विगी को अपनी एवरेज ऑर्डर वैल्यू को बढ़ाना होगा, साथ ही एक ऑर्डर पर होने वाली बचत में इजाफा करना होगा.
स्विगी द्वारा फंड जुटाने का मुख्य उद्देश्य अपने क्विक कॉमर्स ऑपरेशंस को तेज करना, अपनी टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाना है. DRHP से बड़े पैमाने पर मार्केट ग्रोथ की संभावनाओं का पता चलता है, 2018 से 2023 के बीच ऑनलाइन फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स मार्केट का क्रमश: 42% CAGR और 148% CAGR से बढ़ने का अनुमान है.