नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने NCLT के जी-सोनी मर्जर पर आदेश को रद्द कर दिया है. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, NCLT ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) को जी-सोनी मर्जर पर उनकी मंजूरी पर दोबारा विचार करने का निर्देश दिया था.
दो सदस्य वाली NCLAT बेंच ने NCLT से जी एंटरटेनमेंट के Culver मैक्स एंटरटेनमेंट (जिसे पहले सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के तौर पर जाना जाता था) के साथ मर्जर पर सभी पार्टियों को सुनने के बाद नए तरीके से विचार करने को कहा है.
अपीलेट ट्रिब्यूनल ने ये आदेश जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) की 11 मई 2023 को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की ओर से पास ऑर्डर के खिलाफ दायर की गई अपील पर सुनवाई करते हुए दिया है. NCLT ने NSE और BSE से ZEEL और Culver मैक्स एंटरटेनमेंट के मर्जर के लिए अपनी पहले दी गई मंजूरी पर दोबारा विचार करने का निर्देश दिया था. उसने स्टॉक एक्सचेंजेज को मर्जर के क्लॉज के तहत नॉन-कंप्लीट फीस का दोबारा आकलन करने को भी कहा था.
इस ऑर्डर को जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपीलेट ट्रिब्यूनल के सामने चुनौती दी थी. उसका तर्क था कि NCLT से उसके पक्ष को पेश करने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं मिला था और उसने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया. इसके अलावा उसने ये बात भी रखी थी कि NCLT का नॉन-कंपीट मामलों पर क्षेत्राधिकार नहीं है.
एग्रीमेंट की स्कीम के मुताबिक, सोनी अप्रत्यक्ष रूप से मर्जर के बाद बनी कंपनी में 50.86% हिस्सेदारी रखेगा. जी के फाउंडर करीब 4% के मालिक होंगे. और बाकी हिस्सेदारी ZEEL के अन्य शेयरधारकों के पास मौजूद होगी. इसके अलावा सोनी ग्रुप भी एसेल ग्रुप के प्रमोटर्स को 1,100 करोड़ रुपये की नॉन-कंपीट फीस का भुगतान करेगा.