नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की अहमदाबाद बेंच ने जेनसोल इंजीनियरिंग (Gensol Engineering Ltd.) और उससे जुड़ी संस्थाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए कंपनी के सभी बैंक खातों और लॉकरों को फ्रीज (सील) करने की अनुमति दे दी है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) के अनुरोध पर ये आदेश दिया गया है. इस कार्रवाई को कॉर्पोरेट में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम बताया जा रहा है.
ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में Gensol के प्रोमोटर्स के खिलाफ लगे कई गंभीर आरोपों पर फोकस किया है. इनमें सबसे बड़ा आरोप कंपनी के फंड्स को अन्य जगहों पर डायवर्ट करने का है. इसके अलावा, कॉर्पोरेट गवर्नेंस नियमों का उल्लंघन, वित्तीय दस्तावेजों में हेरफेर, झूठे दावे करके लोन लेना और फिर उसे न चुकाना, साथ ही कंपनी की संपत्तियों को अवैध तरीके से ट्रांसफर करने जैसे मामलों का भी उल्लेख किया गया है.
NCLT ने कहा कि इन सभी आरोपों के मद्देनजर कंपनी के बैंक खातों और लॉकरों को तत्काल प्रभाव से फ्रीज किया जाना जरूरी है, ताकि आगे किसी तरह की वित्तीय गड़बड़ी को रोका जा सके.
ट्रिब्यूनल ने माना है कि आरोप केवल प्रशासनिक चूक नहीं बल्कि जानबूझकर किए गए धोखाधड़ी के प्रयास हैं, जिनसे निवेशकों और बैंकों को बड़ा नुकसान हो सकता है.
इस आदेश के बाद अब RBI और IBA को अधिकृत किया गया है कि वे सभी संबंधित खातों और लॉकरों की जानकारी जुटाएं और त्वरित कार्रवाई करें. इस मामले में आगे जांच और कानूनी कार्रवाई की संभावना भी जताई जा रही है.