पूर्व सॉलिसिटर हरीश साल्वे ने शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट को महज सनसनी फैलाने की कोशिश करार दिया है. उन्होंने ये भी माना कि भारत की ग्रोथ स्टोरी को खराब करने की कोशिश में रिपोर्ट के जरिए धब्बे लगाने की कोशिश की गई है. इसमें कुछ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी शामिल हो सकते हैं.
उन्होंने ये भी कहा कि SEBI को शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग की पहली रिपोर्ट और उससे जुड़ी शॉर्ट सेलिंग पर जल्द जांच पूरी कर जिम्मेदार लोगों को बेनकाब करना चाहिए.
NDTV के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में हरीश साल्वे ने हिंडनबर्ग मुद्दे पर विस्तार से अपनी बात रखी.
उन्होंने कहा, 'शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग की दूसरी रिपोर्ट महज सनसनी फैलाने की कोशिश है, जिसका बाजार पर कोई असर नहीं हुआ. अंग्रेजी की एक कहावत है 'ओल्ड वाइन इन न्यू बॉटल'. बस ये पुरानी चीजों को ही दोबारा पेश किया जा रहा है, बस इस बार वाइन सड़ी हुई है. इस बार इन्होंने शॉर्ट किया होगा और पिटे होंगे, या फिर दूसरों से शॉर्ट करवाया होगा.'
साल्वे ने कहा कि SEBI पहली रिपोर्ट के बाद शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग के पीछे पड़ी है, इसलिए हिंडनबर्ग की जान निकली हुई है.
उन्होंने कहा, 'हिंडनबर्ग को पता है कि भारत मे कुछ भी गलत खबर छाप दो, कुछ भी आरोप लगा दो, वहां सच मान लिया जाता है, इस मामले में भी यही चल रहा है. उनको यही लग रहा है कि फिर आग लगा देंगे.'
इस बार स्टॉक मार्केट ने तो मैच्योरिटी दिखाई है, देखना है कि ये पॉलिटिकल मुद्दा बनता है कि नहीं. इस बार फिर कुछ लोग याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाएंगे कि ये करो वो करो: हरीश साल्वे
हरीश साल्वे ने कहा कि कुछ ताकतों को भारत की ग्रोथ से दिक्कत हो रही है. पूरी लड़ाई अंतरराष्ट्रीय पूंजी पर कब्जे की है.
उन्होंने कहा, 'अमेरिकी बाजार में करेक्शन आने की उम्मीद तो थी, लेकिन इतने जल्दी आएगा, ये पता नहीं था. अमेरिका के नवरत्नों को AI के चलते कुछ बड़ा लाभ हुआ नहीं, अब वे रिएलिस्टिक हो रहे हैं. दो साल में चीन की ग्रोथ धीमी पड़ी है. ब्रिटेन में दंगे हो रहे हैं. मतलब हालात काफी खराब है. इसलिए अब दुनिया का ग्रोथ इंजन भारत ही बचता है. हमारे यहां कैपेसिटी ग्रोथ का काफी स्कोप है. बारिश अच्छी होने से अक्टूबर में बाजार ऊपर जाना चाहिए. इसलिए दुनिया को तकलीफ है. इसलिए भारत के खिलाफ साजिश की कोशिश हो रही है.
अंतरराष्ट्रीय साजिश की गुंजाइश है. एक समय निवेश की प्राथमिक डेस्टिनेशन अमेरिका होता था. कहा जाता था कि भारत हाई रिस्क है. अब अमेरिका के हटने से कैपिटल उपलब्ध हो जाएगा. सब इसी की लड़ाई है. अब कोल्ड वार की तरह सरकारें हमला नहीं करातीं, अब प्राइवेट प्लेयर करते हैं. फिर हमारे देश में कई लोग हैं, जो इनके पीछे खड़े हो जाते हैं: हरीश साल्वे
साल्वे ने कहा कि उन्हें हैरानी है कि अभी तक SEBI ने पहली रिपोर्ट आने के बाद शॉर्ट सेलिंग से जुड़े घपले की जांच पूरी नहीं की है. उन्होंने कहा कि कोई दूसरा देश होता तो हिंडनबर्ग को अब तक ठोक दिया गया होता. SEBI को चुस्त होना पड़ेगा.
पहली रिपोर्ट पब्लिश होने के पहले किन लोगों ने इसकी जानकारी के साथ साजिशन अदाणी के शेयर सॉर्ट किए और सस्ती प्राइस पर लॉन्ग कॉन्ट्रैक्ट किए. दो-चार बड़े ब्रोकर्स को शोकॉज दोगे, वो सब असलियत उगल देंगे: हरीश साल्वे
साल्वे के मुताबिक, 'अभी तक कोई दूसरा देश होता तो हिंडनबर्ग को ठोक दिया होता. सेबी ढीली है. सब ब्रोकर्स के पास डीटेल होते हैं, पता किया जाए कि उस दो महीने में किसने कितने प्राइज पर शेयर सेल किए. तुरंत किसने शॉर्ट सेलिंग की. जिन ब्रोकर्स ने ये ट्रांजैक्शंस किए हैं, उनके पीछे भागो, पूरी स्टोरी निकल आएगी.'