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आईटीआर फॉर्म-1 (सहज) से 2 करोड़ करदाताओं को होगा लाभ : 10 बातें जानें

इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग सीजन शुरू हो चुका है. इनकम टैक्स विभाग ने ई फाइलिंग फैसिलिटी आकलन वर्ष 2017-18 के लिए शुरू कर दी है. इस संबंध में टैक्स विभाग ने एक नया बेहद सिंपल पेज आईटीआर-1 जिसे सहज कहा जाता है, पेश कर दिया है. दरअसल, पहले से मौजूद सात पेजों के फॉर्म से कई बिंदुओं को हटा दिया है जिससे यह छोटा और अधिक सरल बन गया है. इससे दो करोड़ से अधिक करदाताओं को लाभ होगा.
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NDTV Profit हिंदी02:01 PM IST, 05 Apr 2017NDTV Profit हिंदी
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इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग सीजन शुरू हो चुका है. इनकम टैक्स विभाग ने ई फाइलिंग फैसिलिटी आकलन वर्ष 2017-18 के लिए शुरू कर दी है. इस संबंध में टैक्स विभाग ने एक नया बेहद सिंपल पेज आईटीआर-1 जिसे सहज कहा जाता है, पेश कर दिया है. दरअसल, पहले से मौजूद सात पेजों के फॉर्म से कई बिंदुओं को हटा दिया है जिससे यह छोटा और अधिक सरल बन गया है. इससे दो करोड़ से अधिक करदाताओं को लाभ होगा.

आइए जानें इससे जुड़ी 10 खास बातें...

  1. यह फार्म वेतनभोगी तबके के लिये और ऐसे लोगों के लिये है जिनकी 50 लाख रुपये तक की आय है और एक मकान तथा ब्याज से आय होती है. वित्त वर्ष 2016-17 की आय के लिये इस वर्ष 31 जुलाई तक रिटर्न भरना होगा.
  2. रिटर्न दाखिल करने के लिए ई-फाइलिंग की सुविधा एक अप्रैल से उपलब्ध हो चुकी है और इसे 31 जुलाई तक भरा जा सकता है. रिटर्न फॉर्म भरते समय करदाता को अपना पैन, आधार नंबर, व्यक्तिगत सूचना और जानकारी देनी होगी.
  3. अगर करदाता के पास आय का एक से अधिक स्रोत हो तो वे इससे रिटर्न नहीं भर सकते. सहज फॉर्म में कर की गणना और आय से इसकी कटौती भी बहुत आसान कर दी गयी है. इसके बाद अब वेतन और ब्याज आय वाले व्यक्तिगत करदाताओं के लिए फॉर्म में सूचना भरने के लिए पहले से कम खाने होंगे.
  4. आकलन वर्ष 2017-18 के रिटर्न फॉर्म में आयकर के अध्याय 6-ए के तहत किए जाने वाले विभिन्न कटौती के दावों की जानकारी से जुड़े खाने हटा दिया गए हैं और केवल उन्हीं बिंदुओं को इसमें रखा गया है जिन्हें आमतौर पर इस्तेमाल में लाया जाता है. जिन बिंदुओं को इस फॉर्म में शामिल किया गया है, उनमें आयकर की धारा 80सी, 80डी के तहत मिलने वाली कटौतियां शामिल हैं. इसके अलावा जो व्यक्तिगत करदाता अन्य मदों में कर कटौती चाहते हैं वह इसके लिए विकल्प चुनकर जानकारी दे सकते हैं.
  5. वर्तमान में जो आईटीआर 1 सहज फॉर्म है, उसमें आयकर अधिनियम की धारा-80सी के तहत 18 अलग अलग बिंदु अथवा पंक्तियां हैं.
  6. इस धारा के तहत जीवन बीमा, पीपीएफ, सावधि बैंक जमा सहित विभिन्न प्रकार के निवेश एवं बचत पर 1.50 लाख रुपये तक की कटौती का दावा किया जा सकता है.
  7. इसी प्रकार धारा 80डी के तहत चिकित्सा बीमा प्रीमियम भुगतान की कुल आय में से कटौती का प्रावधान है. एक अधिकारी के मुताबिक, फॉर्म अधिसूचित कर दिए गए हैं और आयकर विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं.
  8. अधिकारी ने कहा कि सरकार की इस पहल का मकसद लोगों को रिटर्न दाखिल करने के लिए प्रोत्साहित करना भी है. वर्तमान में स्थायी खाता संख्या (पैन) रखने वाले 29 करोड़ लोगों में से केवल छह करोड़ ही आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं.
  9. इसके साथ ही उसके द्वारा भरे गए कर, टीडीएस की जानकारी स्वत: ही उसमें आ जाएगी. एक जुलाई के बाद से करदाताओं के लिए आधार नंबर अथवा आधार नंबर के लिए आवेदन किया गया है उसकी जानकारी देना जरूरी है. इसके साथ ही ई-फाइलिंग वेबसाइट में ऑनलाइन ही कर गणना के लिये केलकुलेटर भी होगा.
  10. कोई भी व्यक्ति अथवा हिन्दु अविभाजित परिवार जिनकी व्यवसाय से कोई आय नहीं है आईटीआर 1-सहज, आईटीआर 2 और 2ए में रिटर्न दाखिल कर सकता है. ऐसे व्यक्ति अथवा हिन्दू अविभाजित परिवार जिनकी व्यवसाय से आय है और उनका कर निर्धारण अनुमानित आधार पर होता है वह अपनी रिटर्न आईटीआर4एस - सुगम फॉर्म में भर सकते हैं.
यह है नया आईटीआर फॉर्म- 1, सहज...
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