NSE के शेयरधारकों की संख्या 1 लाख के पार पहुंच चुकी है. हालांकि कंपनी अभी लिस्टेड नहीं है और इसके संभावित IPO को लेकर SEBI ने कई चिंताएं जताई हैं. इसके लिए कई चिंताओं का समाधान 28 फरवरी, 2025 को किया गया था.
बता दें, NSE का करीब 31% हिस्सा PSU के स्वामित्व में है. SEBI की मंजूरी के बाद भी NSE लिस्टिंग में कम से कम 1 साल लग सकता है.
इस मामले से जुड़े कई लोगों ने NDTV प्रॉफिट को बताया कि एक्सचेंज का मार्केट कैप अब लगभग 5 लाख करोड़ रुपये है, जो देश की सबसे बड़ी अनलिस्टेड कंपनी बन गई है.
एक्सचेंज ने 2016 में अपना IPO प्रॉस्पेक्टस दाखिल किया था. 21 नवंबर, 2016 के एक पत्र में मार्केट रेगुलेटर ने लागू विनियमों और SEBI परिपत्रों के कंप्लायंस पर एक मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज पर इक्विटी शेयरों की लिस्टिंग को मंजूरी दी.
इस प्रस्ताव को 4 अक्टूबर, 2016 और 10 नवंबर, 2016 को पारित प्रस्तावों के माध्यम से NSE के निदेशक मंडल और शेयरधारकों से मंजूरी मिली. उस अवधि के दौरान NSE इसके निदेशकों और इसकी समूह कंपनियों को SEBI या किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा पूंजी बाजारों में एंट्री या ऑपरेशन करने से प्रतिबंधित नहीं किया गया था.
हालांकि, 2019 के एक आदेश में SEBI ने सुविधाओं से संबंधित शिकायतों के कारण SEBI को 6 महीने के लिए सिक्योरिटीज मार्केट तक पहुंचने से रोक दिया. हालांकि, SAT ने जनवरी 2023 में वित्तीय दंड को संशोधित किया, लेकिन इसने बाजार पहुंच प्रतिबंध को बरकरार रखा.
हालांकि, NSE कोलोकेशन मामले का निपटारा अक्टूबर 2024 में 643 करोड़ रुपये की भारी रकम पर किया गया.