ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) ने इलेक्ट्रिक व्हीकल बिजनेस के लिए सिंगापुर की टेमासेक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से 3,200 करोड़ रुपये जुटाए हैं. कंपनी ने बताया कि टेमासेक के नेतृत्व में कई दूसरे निवेशक भी पैसा लगा रहे हैं. कंपनी ने इस फंडिंग के लिए फाइनेंशियल क्लोजर पूरा कर लिया है.
इस पैसे का निवेश ओला अपने EV बिजनेस के विस्तार पर करेगी. कंपनी तमिलनाडु के कृष्णगिरी जिले में लिथियम-आयन बैटरी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने जा रही है. ये पूरा पैसा इसी प्लांट पर खर्च होगा.
ओला इलेक्ट्रिक देश की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर (Electric Vehicle) मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में से एक है. कंपनी अपनी क्षमता विस्तार पर काम कर रही है, साथ ही लागत घटाने के लिए उपायों पर भी जोर दे रही है. लागत घटाने के लिए बैटरी और दूसरे कंपोनेंट्स का घरेलू उत्पादन बढ़ाना जरूरी है. कंपनी आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिक कार भी बनाने की योजना पर काम कर रही है.
ओला इलेक्ट्रिक का फाउंडर और CEO भाविश अग्रवाल ने बताया कि, 'कंपनी ICE यानी इंटरनल कंबशन इंजन को खत्म करने की दिशा में काम कर रही है. उनकी नई फैक्ट्री भारत को ग्लोबल EV बनाने की दिशा में बड़ा पड़ाव होगी. हम EV और बैटरी के डेवलपमेंट में नए-नए इनोवेशन पर काम कर रहे हैं. कंपनी ICE से EV की ओर बढ़ने तेजी से बढ़ने के लिए मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ाने पर भी काम कर रही है.'
ओला इलेक्ट्रिक को सरकार ने EV बैटरी PLI स्कीम के तहत चुना है, कंपनी 20 गीगावॉट क्षमता का बैटरी प्लांट लगा रही है.