केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को सरकारी स्वामित्व वाली तेल कंपनियों के 'शानदार मुनाफे' की प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने अस्थिर बाजार जोखिमों का मैनेज करना सीख लिया है.
पुरी ने NDTV प्रॉफिट की तमन्ना इनामदार से एक विशेष बातचीत में कहा, 'मुझे BPCL पर गर्व है, कंपनी के मुनाफे में 20% की ग्रोथ दर्ज की गई है, इसे हम लोग पहले बेचना चाहते थे.'
उन्होंने कहा कि तेल की कीमतें बढ़ने पर OMCs को भी लाभ होता है, क्योंकि रिफाइंड कच्चे तेल पर उनका निर्यात मार्जिन बेहतर होता है. उन्होंने कहा, 'आप अभी सफलता पर खुश हैं, लेकिन अब आगे के लिए तैयार रहें.'
पुरी ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में भारत की तेल खपत पांच मिलियन बैरल/ दिन से बढ़कर 5.5 मिलियन बैरल/ दिन हो गई है. यहां तक कि अगर कोई कंजर्वेटिव अनुमानों को भी देखे, तो भारत की तेल डिमांड 2040 तक बढ़ती रहेगी. इसी तरह, भारत की रिफाइनिंग कैपिसिटी में भी काफी ग्रोथ होने जा रही है, जिससे वैश्विक रिफाइनिंग मार्जिन पर दबाव का प्रभाव कम होगा.
पुरी ने कहा कि ऑपरेशनल मार्जिन का विश्लेषण करते समय लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस की बिक्री पर होने वाले नुकसान को भी ध्यान में रखना होगा. इनपुट कच्चे माल की लागत में ग्रोथ के बावजूद तीनों ईंधन रिटेलर्स ने मार्च 2024 से घरेलू LPG की कीमत 803 रुपये/ 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर बरकरार रखी है. इससे LPG की बिक्री पर अंडर-रिकवरी हुई है, जिससे उनकी आय पर काफी असर पड़ा है.
उन्होंने कहा कि तेल कंपनियां (OMCs) देशभर में अपने पाइपलाइन नेटवर्क का विस्तार कर रही हैं, जिससे प्राकृतिक गैस की लागत में कमी आएगी. जब भी अंडर-रिकवरी होती है, तो सरकार क्षतिपूर्ति के लिए मौजूद होती है. सरकार समय-समय पर इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम की घाटे की भरपाई करती है.
मंत्री ने कहा कि APM के तहत प्राकृतिक गैस में कमी ट्रांजिशनल है. उन्होंने कहा कि सरकार गैस को GST के तहत लाने का इरादा रखती है.