ओयो होटल्स (Oyo Hotels) को IPO लाने में देरी हो रही है, ऐसे में अब कंपनी पैसा जुटाने के लिए अपोलो ग्लोबल मैनैजमेंट (Apollo Global Management) के साथ बातचीत कर रही है. ओयो होटल्स (Oyo Hotels) 66 करोड़ डॉलर के लोन को रिफाइनेंस कराने के लिए अपोलो ग्लोबल मैनैजमेंट के साथ संपर्क में है. कंपनी को उम्मीद है इससे लोन को कम करने के लिए और समय मिल जाएगा.
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, ओयो होटल्स को चलाने वाली कंपनी 'ऑरवेल स्टेज प्राइवेट' कर्ज की मैच्योरिटी अवधि को 5 साल बढ़ाने के लिए भी बातचीत कर रही है. फिलहाल कंपनी के कर्ज की मैच्योरिटी 2026 में पूरी हो रही है.
सॉफ्टबैंक के निवेश वाली कंपनी OYO ने हाल ही में पहली बार किसी फाइनेंशियल ईयर में मुनाफा कमाया है. इसके साथ ही फिच रेटिंग्स ने भी ट्रेवल की मांग बढ़ने के कारण कंपनी की अर्निंग बेहतर होने की उम्मीद जताई है.
OYO प्रवक्ता ने बताया कि मुनाफे में बढ़ोतरी के साथ, हमें नियमित रूप से चीप फंडिंग ऑप्शंस वाले सोर्सेस की ओर से संपर्क किया जाता है. लेकिन, कंपनी के बोर्ड ने अभी तक कोई भी मंजूरी नहीं दी है और इसमें एक हिस्से का समय से पेमेंट भी शामिल है. वहीं, अपोलो के प्रवक्ता ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.
सूत्रों ने बताया है कि रिफाइनेंस शर्तों पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, ओयो का लोन गुरुवार को डॉलर पर 86.5 सेंट दर्शाया गया था. ओयो का IPO के लिए इंतजार उम्मीद से ज्यादा लंबा साबित हुआ है. कंपनी के संस्थापक रितेश अग्रवाल वर्षों से स्टार्टअप के लिए IPO लाने की कोशिश कर रहे हैं. ओयो के 47% शेयर सॉफ्टबैंक के पास है. Airbnb भी इसके इन्वेस्टर्स में से एक है.