पेटीएम (Paytm) को ED की नोटिस मिलने की मीडिया रिपोर्ट्स के बाद कंपनी के शेयरों में करीब 9% की गिरावट देखी गई. वहीं दूसरी ओर कंपनी ने स्पष्ट किया है कि उसे किसी क्रिप्टो घोटाले के संबंध में ED से कोई नोटिस नहीं मिला है.
इसके अलावा, कंपनी ने ये भी स्पष्ट किया कि ये मामला सितंबर 2022 का है. इससे पहले शेयरों में भारी गिरावट देखी गई, जब BSE और NSE ने वन 97 कम्युनिकेशंस से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा.
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि पेटीएम के कई अन्य पेमेंट गेटवे के साथ, क्रिप्टोकरेंसी घोटाले को सुविधाजनक बनाने में इसकी कथित संलिप्तता के लिए जांच की जा रही थी.
अपने जवाब में, पेटीएम ने कहा, 'हम ये स्पष्ट करना भी चाहेंगे कि मीडिया रिपोर्ट्स के विपरीत, पेटीएम या इसकी सहायक कंपनियों के खिलाफ कोई जांच नहीं हुई है, ED की जांच थर्ड पार्टी मर्चेंट्स पर है.
TOI की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ED ने चीनी नागरिकों से जुड़े घोटाले के सिलसिले में पेटीएम, रेजरपे (RazorPay), पेयू (PayU), ईजबज (Easebuzz) और चार अन्य पेमेंट गेटवे के वर्चुअल अकाउंट्स में 500 करोड़ रुपये फ्रीज कर दिए हैं.
जांच HPZ टोकन से जुड़ी अवैध गतिविधियों पर केंद्रित है, जो एक क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म है. इस पर कथित तौर पर भारतीय निवेशकों को धोखा देने के आरोप हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये घोटाला पूरे भारत में फैला हुआ था, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग निवेश की आड़ में 20 राज्यों के लोगों से 2,200 करोड़ रुपये से ज्यादा पैसे जमा किए गए थे. इसके बाद कथित तौर पर इस राशि को देश से बाहर भेज दिया गया था. रिपोर्ट्स में कहा गया कि ट्रांजैक्शन प्रोसेस के दौरान ED ने कथित तौर पर इस राशि का एक हिस्सा फ्रीज कर दिया था.