19 मई को RBI ने 2000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने का फैसला किया. बैंकों में लोग मंगलवार से लेकर 30 सितंबर 2023 तक इन नोटों को डिपॉजिट या एक्सचेंज करा सकते हैं. लेकिन इससे पहले बड़ी संख्या में लोग अपने 2000 रुपये के नोट लेकर पेट्रोल पंप, खाने-पीने की जगहों और किराने की दुकानों पर जा रहे हैं. इन जगहों पर ज्यादा मूल्य के नोटों के इस्तेमाल में बड़ा उछाल देखने को मिला है.
क्वांटईको रिसर्च (QuantEco Research) की इकोनॉमिस्ट युविका सिंघल ने एक लिंक्डिन पोस्ट में लिखा कि शहरी भारत में कुछ ड्यूरेबल और सेवाओं पर खर्च बढ़ सकता है, क्योंकि लोग अपने दो हजार के नोटों को खर्च करने की कोशिश करेंगे.
सिंघल ने लिखा कि गोल्ड, छोटे अप्लायंसेज, होम फर्निशिंग, मोबाइल फोन्स और सैलून और जिम की मेंबरशिप सर्विसेज में तेजी देखने को मिल सकती है.
वहीं, दिल्ली के कनॉट प्लेस में मौजूद एक पेट्रोल पंप के मालिक कमल सोढ़ी ने कहा कि स्थिति अभी भी काबू में है, लेकिन जल्द बदल सकती है. उन्होंने माना कि लोग 2,000 के नोट लेकर ज्यादा आने लगे हैं. उनके पंप मैनेजर ने कहा कि उनके पास ग्राहकों के लिए जल्द चेंज खत्म हो सकता है. पेट्रोल पंप के मालिक अब ज्यादा करेंसी के नोटों पर लिमिट लगाने की भी सोच रहे हैं. इसका मतलब है कि 100 से 200 रुपये के रिफिल के लिए 2,000 रुपये के नोटों को मंजूर नहीं किया जाएगा.
ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय बैंक के 2,000 रुपये के नोटों को सर्कुलेशन से बाहर करने के फैसले ने देश भर के पेट्रोल पंपों के लिए मुश्किल पैदा कर दी है. उसका कहना है कि ऐसी ही स्थिति का सामना उन्होंने 2016 की नोटबंदी के दौरान किया था.