बजट 2025-26 से पहले रूटीन इंडस्ट्री कंसल्टेशन के रूप में कॉरपोरेट लॉबी FICCI और CII ने राजस्व सचिव को मुकदमेबाजी को कम करने, कम्प्लाइंस को आसान बनाने और टैक्स व्यवस्था को तर्कसंगत बनाने के उपायों की एक लंबी लिस्ट सौंपी है.
FICCI यानी फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स पर कई सुझाव दिए हैं.
CCI ने कैपिटल एक्सपेंडिचर, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा पर खर्च बढ़ाने के बारे में व्यापक चर्चा की है.
CCI ने एक व्यापक आर्थिक नीति के रूप में भूमि, श्रम, जल, बिजली, कृषि और राजकोषीय स्थिरता पर सुधारों के लिए राज्य-स्तरीय आम सहमति बनाने के लिए 'GST जैसी' परिषदों या सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह बनाने की सिफारिश की है.
बुनियादी ढांचे पर, CCI ने 2024 के बजट अनुमानों की तुलना में कैपिटल एक्सपेंडिचर को 25% बढ़ाने का अनुरोध किया, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों, कृषि और सामाजिक क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के साथ कुल 14 लाख करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया.
इसके अलावा, राज्यों के लिए पूंजीगत सहायता में 10% की ग्रोथ का सुझाव दिया, जिससे ये बढ़कर 1.65 लाख करोड़ रुपये हो जायेगा. निम्न आय समूहों के बीच डिमांड बढ़ाने के लिए, CCI ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत न्यूनतम मजदूरी दर 267 रुपये/ दिन से बढ़ाकर 375 रुपये करने और PM किसान सहायता को 6,000 रुपये/ वर्ष से बढ़ाकर 8,000 रुपये करने और निम्न आय वाले परिवारों के लिए 'कंजप्शन वाउचर' शुरू करने की सिफारिश की.
CCI ने राष्ट्रीय मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के दूसरे फेज के शुभारंभ, GST को तीन-दर प्रणाली पुनर्गठित करने, जिसमें पेट्रोलियम उत्पाद, बिजली और रियल एस्टेट शामिल हैं और प्रोडक्शन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं (PLI) का विस्तार करके रक्षा और एयरोस्पेस जैसे क्षेत्रों को शामिल करने के अलावा कस्टम्स ड्यूटी को कम करने का भी अनुरोध किया है.
शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के मामले में CII ने स्वास्थ्य सेवा खर्च को GDP के 3% तक बढ़ाने और शिक्षा खर्च को GDP के लगभग 6% तक बढ़ाने की सिफारिश की है.
CII ने बजट पर वित्त मंत्रालय को दिए सुझाव
अधिक निवेश, ज्यादा एक्सपोर्ट और खपत बढ़ाने के उपायों पर चर्चा हुई
पहले की अपनाई गई कुछ अच्छी नीतियों को आगे बढ़ाने की जरूरत
फिस्कल नीति के तहत सरकारी कैपिटल एक्सपेंडिचर पर ध्यान बनाए रखने की जरूरत है
खाद्य महंगाई के पेचीदा पक्ष को अलग रखकर महंगाई को काबू में रखने के उपायों पर चर्चा हुई
कम आय वर्ग के लोगों के लिए इनकम टैक्स में राहत, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का सुझाव दिया
FICCI के द्वारा दिए गए ऐसे सुझावों में TDS और TDS प्रोविजन को सरल और तर्कसंगत बनाने, विवादों को सुलझाने के लिए नया मैकेनिज्म तैयार करने और कैपिटल गेंस की गणना से जुड़े सुझाव शामिल किए गए हैं. डायरेक्ट टैक्स बेस्ड मुकदमेबाजी को कम करने के लिए रेगुलेशन ने प्रभावी और समयबद्ध विवाद समाधान के लिए एक नए स्वतंत्र विवाद समाधान फोरम की शुरूआत करने का सुझाव दिया है.
इनडायरेक्ट टैक्स के मोर्चे पर FICCI ने कम्प्लायंस में आसानी को बेहतर बनाने के लिए चार सुझाव दिए हैं. इनडायरेक्ट टैक्स को लेकर FICCI ने एक ही COO (Certificate of Origin) का सुझाव दिया है. कई बिल ऑफ एंट्रीज के वैल्यूएशन के खिलाफ आयुक्त अपील के समक्ष एक ही अपील दायर करने की अनुमति दें.
AEO मान्यता प्राप्त समूहों की नई निगमित कंपनियों को अधिकृत आर्थिक ऑपरेटर सर्टिफिकेट का लाभ दें. BIS सर्टिफिकेट में सुधार करें. FICCI ने विवादों के समाधान के लिए सीमा शुल्क के तहत एक नई एमनेस्टी योजना का भी अनुरोध किया है. FICCI ने आयात के खिलाफ TR-6 चालान के माध्यम से पेमेंट किए गए GST क्रेडिट का लाभ उठाने के लिए GST कानून में स्पष्टता और विशेष वैल्यूएशन प्रक्रिया की समीक्षा की मांग की है.