प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 3 नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन को राष्ट्र को किया समर्पित किया. PM और गृह मंत्री अमित शाह ने 3 दिसंबर यानी आज चंडीगढ़ में एक मंच से देश को महत्वपूर्ण संदेश दिया है.
PM ने अपने संबोधन में कहा कि 1857 की क्रांति के ठीक 3 साल बाद 1860 में अंग्रेज हुकूमत भारतीय दंड संहिता लेकर आए. उसके बाद इंडियन एविडेंस एक्ट आया और फिर CRPC का ड्राफ्ट अस्तित्व में आया. ये सब भारतीयों को दंडित करने के लिए ले गए थे, समय-समय पर इनमें संशोधन हुए लेकिन उनका असली चरित्र वही बना रहा. आजाद देश में गुलामी के लिए बने कानून को क्यों ढोया जाए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये भी कहा कि चंडीगढ़ आने से लगता है कि अपनों के बीच आ गया हूं. PM ने कहा कि तीनों नए कानून के लागू होने पर देश को बधाई दी. उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों को भी बधाई दी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुख्य कार्यक्रम पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (PEC) में हुआ, जहां PM ने चंडीगढ़ पुलिस द्वारा तैयार किए गए क्राइम सीन का मुआयना करने के बाद, तीन नए आपराधिक कानूनों की सफलता की घोषणा की.
इस मौके पर PM मोदी ने तीन महत्वपूर्ण कानूनों को देश को समर्पित किया है, इसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) शामिल हैं.
ये कानून 1 जुलाई 2024 से प्रभावी हुए हैं और इनका उद्देश्य भारतीय न्याय प्रणाली को सशक्त और पारदर्शी बनाना है.
PM मोदी ने चंडीगढ़ पुलिस के एक डेमो क्राइम सीन (रीक्रिएटेड) का निरीक्षण किया, जिसमें इन नए कानूनों के प्रभाव को दिखाने के लिए एक अपराध स्थल की जांच का लाइव डेमो दिया गया था. ये डेमो बताता है कि कैसे इन नए कानूनों के तहत अपराधों की जांच, साक्ष्य मैनेजमेंट और अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई में सुधार किया गया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने पुराने कानूनों को बदलने और न्याय के पक्ष में सुधार करने के रूप में प्रस्तुत किया है. उनका कहना है कि नए कानूनों के माध्यम से देश का न्यायिक तंत्र अधिक पारदर्शी, सशक्त और न्यायपूर्ण बनेगा, जिससे न्याय मिलने में कोई देरी नहीं होगी.
गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि इन कानूनों से देश में अपराधों के खिलाफ संघर्ष और न्यायिक प्रक्रियाओं में तेजी आएगी.
अमित शाह ने बताया कि ढेर सारे प्रावधान हैं, नई व्यवस्था बनानी थी, इस कठिन काम को चंडीगढ़ ने पांच महीने में पूरा कर लिया है. ऐसे करके चंडीगढ़ देश का पहला शहर बन गया है. कोई भी FIR हो तो अब अधिकतम 3 साल के अंदर न्याय मिलेगा, तारीख पर तारीख नहीं मिलेगी.