19 मई को सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट कमिटी ने अदाणी ग्रुप (Adani Group) को क्लीनचिट दी. इसके बाद खबर आई कि दिग्गज निवेशक राजीव जैन (Rajiv Jain) की GQG पार्टनर्स ने अदाणी ग्रुप में अपनी हिस्सेदारी करीब 10% बढ़ाई है. GQG पार्टनर्स के चेयरमैन और चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर राजीव जैन ने BQ Prime से इन्हीं मुद्दों पर बात की.
अदाणी ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट कमिटी से मिली क्लीनचिट पर राजीव जैन ने कहा है कि उन्हें इससे कोई हैरानी नहीं हुई. बहुत सी ऐसी चीजें जिनकी जांच की जा रही थी, उनकी जांच पहले भी हो चुकी थी.
राजीव जैन ने कहा, 'ये आर्थिक मुद्दे से ज्यादा राजनीतिक खेल बन गया. अदाणी ग्रुप में ज्यादातर हिस्सेदारी सुप्रीम कोर्ट के क्लीनचिट देने से पहले बढ़ाई गई है. पिछले दो से तीन महीने के दौरान ये हिस्सेदारी बढ़ाई है. हमने ऐसे एंटरप्रेन्योर का साथ दिया है, जिन्होंने प्रोजेक्ट्स को लागू करने में बेहतरीन काम किया है. भारत में जटिल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को जमीन पर उतारना बेहद मुश्किल होता है. इसमें पिछले कुछ सालों में असफलता देखी गई है.'
जैन ने आगे बताया कि अदाणी ग्रुप ने पिछले कुछ सालों में इंफ्रा के मोर्चे पर बेहतरीन काम किया है. उन्होंने पिछले कुछ सालों में मैनेजमेंट टीम से भी मुलाकात की है और वे उससे प्रभावित हुए हैं. उन्होंने ये भी कहा कि सरकार को भी इन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को शुरू करने के लिए अदाणी पर भरोसा है, जो ऐसे किसी को ही मिल सकता है कि जो सही से इस पर काम करे.
राजीव जैन ने इस बातचीत में हिंडनबर्ग की भी जमकर खिंचाई की. उन्होंने कहा कि शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट में से कुछ चीजें बिल्कुल बेतुकी लगती हैं. इसे लेकर बहुत अंदेशा था कि निवेशक कैसे रिएक्ट करेंगे. हमारी पहली तिमाही हमारे लिए इतिहास में सबसे बेहतरीन में से एक रही है. इसके साथ इनफ्लो के मामले में ये तीसरी सबसे बेहतरीन तिमाही रही है.