रिज़र्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा है कि काम से देश के लिए प्यार दिखता है। उन्होंने कहा कि सरकार की सलाह सुननी चाहिए। राजन ने कहा कि किसी पार्टी की मंशा पूरी करने के लिए झुकना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ कभी किसी बात पर गंभीर असहमति नहीं है।
सुब्रमण्यम स्वामी के आरोपों पर राजन ने कहा कि ऐसे कई आरोप हैं, जो गलत हैं और जिनका कोई आधार नहीं है। ऐसे सवालों पर प्रतिक्रिया देना सही नहीं है। और मैं इन खास आरोपों को लेकर नहीं बोल रहा हूं। मैं यह कहता हूं कि अगर हमारी नीतियों को लेकर कोई विरोध है तो हम उस पर ध्यान देंगे, लेकिन ऐसे कुतर्क वाले हमलों का कोई जवाब नहीं है।
रघुराम राजन द्वारा कही गई कुछ मुख्य बातें...
1.जब कोई पर्सनल गारंटी देता है, तब बैंक को उनकी संपत्ति मिल जाती है, लेकिन जब आप लोन पर शानदार जिंदगी जीते हैं तब आप जनता के पैसे का दुरुपयोग कर रहे होते हैं।
2.रघुराम राजन ने कहा कि जीडीपी के अंकों से खुश हूं, एक प्रतिशत लिया या दिया जा सकता है। खुश हूं कि जीडीपी में लगातार हो रहे बदलाव पॉजिटिव हैं। जीडीपी के आंकड़े बताते हैं कि लोग सही काम कर रहे हैं। जीडीपी ग्रोथ भी लगातार ऊपर है, क्योंकि लागत कम हुई है।
3.बिजनेस में प्रतिस्पर्धा कभी चिंता की बात नहीं होती। हुंडई और फोर्ड काम नहीं करेंगी अगर बिजनेस में फायदा नहीं होगा। उन्होंने साफ किया कि बैंक चार प्रतिशत पर लोन देकर डिपॉजिट पर 6 प्रतिशत ब्याज नहीं दे सकते। लोग कहते हैं कि ब्याज दर कम कर दी जाए, लेकिन क्या वे अपना पैसा 4 प्रतिशत ब्याज दर पर जमा करना चाहेंगे, नहीं। कम ब्याज दर भगवान द्वारा प्रदत्त अधिकार नहीं है। मैं यह कहना चाहता हूं कि हम भारत में लापरवाह नहीं हो सकते। हमें अभी बहुत कुछ करना है।
4.राजन ने कहा कि यह गलत होगा कि अपनी पीठ थपथपाएं और कहें कि हम दुनिया में बेस्ट हैं। मैं समझता हूं कि कोई भी मंत्री ऐसा नहीं कहेगा।
5.हम एक ऐसा देश हैं जो समुचित रूप से विकास कर रहा है, लेकिन हमारी क्षमताओं के अनुरूप हमें अभी बहुत कुछ करना है।
6.जहां तक मेक इन इंडिया पर मेरे बयान की बात है, उसे गलत पेश किया गया। उन्होंने कहा कि मेरा सिर्फ यही कहना था कि जब दुनिया में मंदी चल रही है, तो ऐसे समय मेक इन इंडिया सिर्फ भारत में रह जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि मेरे निर्णय एनालिसिस और सलाह पर ही आधारित होते हैं।
7.मैं वहीं करता हूं जो मेरी समझ से सही है। मेरे काम में काफी मेहनत है और यह कोई ग्लैमर का काम नहीं है।
8.हम सरकार की राय को सुनते हैं, लेकिन किसी पार्टी की मंशा पूरी करने के लिए झुकना नहीं चाहिए। वित्तमंत्री अरुण जेटली के साथ मेरी बातचीत बहुत ही मित्रवत रही है और हम दोनों एक-दूसरे का सम्मान करते हैं।
9.यह आपको चौंकाएगा लेकिन आज तक वित्तमंत्री अरुण जेटली के साथ मेरा किसी भी विषय पर गंभीर विरोध नहीं रहा। दूसरे कार्यकाल के बारे में कुछ नहीं कहूंगा।
10. मेरी काफी समय से इच्छा है कि मैं शिक्षा के क्षेत्र में वापस लौट जाऊं। मेरा अंतिम पड़ाव विचारों की दुनिया है।
11.उन्होंने कहा कि कई लोग कह रहे हैं कि मैं जाने वाला हूं, लेकिन मेरे पास जो भी समय है मैं उसमें अपना काम कर रहा हूं।
12.राजन कहते हैं कि जब आपकी आलोचना होती है तो उसका दूसरा पहलू भी होता है। कई अनजाने लोगों ने मुझे खत लिखे हैं। मेरी यूनियनों ने मेरा समर्थन किया है। कुछ ऐसे आरोप लगे हैं जिनके बारे में बोलना भी उन्हें स्वीकारने के समान होगा।
13.हम चीन और तुर्की का तरक्की का रास्ता नहीं चुन सकते, चीन पर मेरी टिप्पणी को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया।
14.राजन ने कहा, मेरी सास हमेशा कहती हैं कि कर्मयोगी बनो। मेरा काम मेरे देशप्रेम को बताता है।
15. मीडिया खबरें ढूंढता है, अच्छी बातचीत खबर नहीं होती।