इकोनॉमी के मोर्च पर अच्छी खबर नहीं है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के लिए भारत के GDP ग्रोथ के अनुमान को 20 बेसिस प्वाइंट्स घटाकर 6.8% कर दिया है.
रिजर्व बैंक ने अक्टूबर बुलेटिन 'स्टेट ऑफ द इकोनॉमी' में ये जानकारी दी है. RBI के मुताबिकअगस्त, सितंबर में भारी बारिश से ग्रोथ की रफ्तार धीमी पड़ी है.
ये अनुमान RBI गवर्नर शक्तिकांता दास के अक्टूबर की मॉनेटरी पालिसी मीटिंग के दौरान दिए गए 7% के अनुमान से कम है. MPC की बैठक में गवर्नर ने तीसरी और चौथी तिमाही के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 7.4% लगाया था.
अपने मंथली बुलेटिन में RBI ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी में पर्याप्त लचीलापन है और स्थिति में सुधार दिख रहा है. यही नहीं जियोपोलिटिकल संघर्षों के बढ़ने के बावजूद साल के बचे हुए बाकी महीनों में भी ग्लोबल इकोनॉमी स्थिर रहने की उम्मीद है.
बुलेटिन के मुताबिक, जियोपोलिटिकल तनावों के बावजूद भारत की ग्रोथ को मजबूत घरेलू आर्थिक स्थिति से सहारा मिल रहा है.
RBI बुलेटिन के मुताबिक, खासकर मझोले और छोटे शहरों में त्योहारी खपत में ग्रोथ हो रही है. रोजमर्रा के सामान और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स की ज्यादा कीमतों के कारण उत्साह में कुछ कमी आने के बावजूद कई खरीदार छूट को प्राथमिकता दे रहे हैं. सर्वे से शामिल लोगों के मुताबिक वार्डरोब अपडेट, इलेक्ट्रॉनिक्स, होम डेकोर और आभूषणों की खरीदारी पर लोग अधिक खर्च कर रहे हैं.
हालांकि, फेस्टिव सीजन की शुरुआत में ई-कॉमर्स बिक्री निराशाजनक रही है, लेकिन रिटेल विक्रेताओं को सीजन के अंत में तेजी की उम्मीद है. पिछले साल की तुलना में दशहरा-दिवाली के दौरान उपभोक्ता खर्च लगभग 25% अधिक होने की उम्मीद है.