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दुबई और सिंगापुर को टक्कर देने की तैयारी में GIFT सिटी, शुरू होगा रियल टाइम डॉलर सेटलमेंट

28 जून से भारतीय बॉन्ड जे पी मॉर्गन इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल होने वाले हैं, विदेशी निवेशक जो भारत में निवेश करने को तैयार बैठे हैं, उनके लिए ट्रांजैक्शन में तेजी आएगी.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी08:58 AM IST, 26 Jun 2024NDTV Profit हिंदी
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गुजरात की GIFT सिटी में बहुत जल्द रियल टाइम डॉलर सेटलमेंट (Real-time dollar settlement ) की शुरुआत बहुत जल्द होने वाली है. ब्लूमबर्ग के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि इसकी शुरुआत इस साल के अंत में या साल 2025 की शुरुआत में हो सकती है. इस कदम से विदेशी निवेशक भारत की ओर आकर्षित होंगे.

रियल टाइम डॉलर सेटलमेंट से क्या होगा?

गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी, ये फाइनेंशियल हब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक फ्लैगशिप प्रोजेक्ट है. जब रियल टाइम डॉलर सेटलमेंट की सेवा फाइनेंशियल कंपनियों के लिए शुरू होगी तो सेटलमेंट में लगने वाला समय कम हो जाएगा. 28 जून से भारतीय बॉन्ड जे पी मॉर्गन इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल होने वाले हैं, विदेशी निवेशक जो भारत में निवेश करने को तैयार बैठे हैं, उनके लिए ट्रांजैक्शन में तेजी आएगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा विदेशी निवेश भारत आएगा.

ब्लूमबर्ग न्यूज को एक इंटरव्यू के दौरान इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज अथॉरिटी (IFSCA) के चेयरमैन के राजारमन का कहना है कि अगर आपका कैश मूवमेंट तेज और ज्यादा कुशल हो जाता है, तो इसका बाकी बाजार पर भी पॉजिटिव असर होगा. IFSCA हब को रेगुलेट करता है, जिसे GIFT सिटी के रूप में भी जाना जाता है, और जो स्टॉक, करेंसी और डेरिवेटिव ट्रेडिंग ऑफर करता है. राजारमन आगे कहते हैं कि रियल टाइम सेटलमेंट सिस्टम से दक्षता (efficiency) को बढ़ावा मिलेगा.

दुबई और सिंगापुर का विकल्प बनेगा GIFT सिटी?

भारत पूंजी नियंत्रण से काम करता है और इसमें अनगिनत टैक्स संरचनाएं हैं, दोनों को ही इस फाइनेंशियल हब के लिए आसान बना दिया गया है ताकि ये सिंगापुर और दुबई के वैकल्पिक व्यापार केंद्र के रूप में उभर सके.

पिछले साल, भारतीय रिजर्व बैंक ने गिफ्ट सिटी में डॉलर में तय होने वाला एक घरेलू नॉन-डिलीवर योग्य फॉर्वर्ड मार्केट शुरू किया था. कुछ विदेशी बैंक पहले से ही उन निवेशकों को डेरिवेटिव प्रोडक्ट बेच रहे हैं, जो बिना दुकान खोले भारत में निवेश चाहते हैं.

देखा जाए तो पूरी दुनिया में ही, एक देश से दूसरे देश में पैसा भेजने को ज्यादा तेज बनाने और जटिलताएं कम करने की कोशिशें चल रही हैं. मौजूदा समय में ज्यादातर सीमा पार लेन-देन कॉरेसपॉन्डेंट बैंकों के नेटवर्क पर निर्भर करते हैं, जिससे सेटलमें महंगा होता है और इसमें देरी भी होती है. जैसे बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स का एमब्रिज प्रोजेक्ट है, जो तत्काल सेटलमेंट के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है.

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