कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) प्राइवेट सेक्टर के वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित निवेश के साथ सेवानिवृत्ति कोष (Retirement Corpus) बनाने का अवसर प्रदान करता है. कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में नियमित निवेश निश्चित रूप से वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए एक अच्छा विकल्प है जिसकी मदद से वे सेवानिवृत्ति कोष बना सकते हैं. सालाना 1.5 लाख रुपये तक का ईपीएफ निवेश आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट के लिए मान्य होता है. एक बार कर्मचारी द्वारा पांच साल से अधिक समय तक योगदान करने पर मैच्योरिटी राशि पर भी टैक्स में छूट मिलती है. हालांकि सरकार ने प्रति वर्ष पीएफ योगदान राशि की एक नई सीमा पेश की है.
एक व्यक्ति जो 21 साल की उम्र में ₹ 25000 के मासिक बेसिक सैलरी (बेसिक मासिक वेतन और डीए (Dearness Allowance) के साथ काम करना शुरू करता है तो वह अपने नियमित योगदान से ईपीएफ में निवेश कर सकता है. इस तरह जब वह रिटायर होगा तो उसके पास ₹ 1 करोड़ से अधिक की राशि हो सकती है.
मौजूदा ईपीएफओ मानदंडों के अनुसार, कर्मचारी और नियोक्ता मूल वेतन और महंगाई भत्ते (डीए) का 12 प्रतिशत ईपीएफ में योगदान करते हैं. हर महीने कर्मचारी के वेतन से कटौती की जाती है, जिससे एक कॉर्पस फंड बनाने में मदद मिलती है, जिसे सेवानिवृत्ति पर निकाला जा सकता है.
नियोक्ता के योगदान में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है और केवल 3.67 प्रतिशत ईपीएफ निवेश की ओर जाता है. विशेष परिस्थितियों में ईपीएफ से आंशिक निकासी की जा सकती है लेकिन बढ़िया होगा यदि आप अपने ईपीएफ खाते से पैसे न निकालें.
सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.1 प्रतिशत तय की है. यदि आप अपने ईपीएफ खाते से मौजूदा ब्याज दर पर कभी पैसा नहीं निकालते हैं तो आप अपने भविष्य निधि में एक करोड़ से अधिक की राशि के साथ सेवानिवृत्त हो सकते हैं.
बेसिक मासिक वेतन और डीए (Dearness Allowance) के साथ अगर किसी व्यक्ति की तनख्वाह ₹ 25,000 है औऱ वो अपनी नौकरी 21 वर्ष की उम्र में शुरू करता है. अब अगर वो नियमित रूप से ईपीएफ में निवेश करता है तो सेवानिवृत्त होने पर उसे ₹ 1 करोड़ से अधिक की राशि मिल सकती है.
यदि आप 60 साल की उम्र में रिटायर करते हैं तो इसका मतलब है कि आप 39 वर्षों तक लगातार ईपीएफ निवेश में योगदान करते हैं. 8.1 प्रतिशत की मौजूदा ब्याज दर पर आपके पास रिटायरमेंट फंड ₹ 1.35 करोड़ से अधिक होगी.
यदि आपका वेतन औसतन 5 प्रतिशत प्रतिवर्ष बढ़ता है तो आपका रिटायरमेंट फंड ₹ 2.54 करोड़ तक बढ़ सकता है. अपने वेतन में 10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि पर, आप ₹ 6 करोड़ से अधिक के ईपीएफ कोष के साथ सेवानिवृत्त हो सकते हैं.
ईपीएफ निवेश की गणना बेसिक सैलरी, डीए और ब्याज दरों पर निर्भर करती है. ईपीएफ निवेश पर ब्याज दरों को समय समय पर सरकार बदलती रहती है.
मौजूदा गणना वर्तमान ब्याज दर पर की गई है. आपका रिटायरमेंट फंड अनुमानित राशि तक तभी पहुंचेगा जब आप कोई आंशिक निकासी नहीं करेंगे.