चीनी मिलों को राहत देते हुए सरकार ने चीनी पैकिंग नियमों में ढील दी है। मिलों को इस वर्ष केवल 40 प्रतिशत चीनी ही जूट के बोरों में पैक करनी होगी। पहले शत-प्रतिशत चीनी उत्पादन जूट के बोरों में पैकिंग करने का नियम था।
जूट पैकेजिंग मेटेरियल एक्ट (जेपीएमए)-1987 के तहत सरकार ने चीनी और खाद्यान्नों की पैकिंग के लिए अनिवार्य तौर पर शत-प्रतिशत जूट बोरी के इस्तेमाल का नियम बनाया था।
कपड़ा मंत्रालय की एक अधिसूचना में अब कहा गया है, चीनी उत्पादन के 40 प्रतिशत हिस्से को भारत में उत्पादित कच्चे जूट से भारत में विनिर्मित जूट सामग्री में पैक करने की जरुरत होगी। अधिसूचना में कहा गया है कि केवल चीनी ही नहीं, सरकार ने खाद्यान्नों के लिए भी जूट पैकिंग की अनिवार्यता को कुल उत्पादन का 90 प्रतिशत तक कर दिया है।
इसमें कहा गया है कि नया जूट पैकेजिंग का नया नियम विटामिनयुक्त चीनी, निर्यात पैकिंग, 25 किग्रा के छोटे उपभोक्ता पैकों या इससे कम तथा एक किग्रा से अधिक के थोक पैकिंग पर लागू नहीं होगा।