रेलिगेयर एंटरप्राइजेज (Religare Enterprises) बोर्ड ने कंपनी और उसकी सहायक कंपनियों- रेलिगेयर फिनवेस्ट (Religare Finvest) और रेलिगेयर हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन ( Religare Housing Development Finance Corporation) की गवर्नेंस समीक्षा का आदेश दिया है.
कंपनी ने एक्सचेंजों को दिए गए बयान में कहा कि समीक्षा में पिछले ऑपरेशनल प्रैक्टिस की जांच की जाएगी. सिस्टम और नियंत्रण में सुधार की सिफारिश की जाएगी और वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों से जुड़े मिसकंडक्ट के संभावित मामलों की पहचान की जाएगी. कंपनी ने कहा कि उसने लॉ फर्म ट्राइलीगल को नियुक्त किया है, जिसमें ग्रांट थॉर्नटन भारत LLP सहायता कर रहा है.
रेलिगेयर ने एक बयान में कहा, 'इसका उद्देश्य अतीत की ऑपरेटिंग प्रैक्टिस की समीक्षा करना, भविष्य में कार्यान्वयन के लिए प्रणालियों और नियंत्रणों में सुधार का सुझाव देना इसके साथ कंपनियों के कुछ वर्तमान और/या पूर्व कर्मचारियों द्वारा मिसकंडक्ट के किसी भी संभावित उदाहरण की पहचान करना है.'
ये निर्णय रेलिगेयर एंटरप्राइजेज में नेतृत्व परिवर्तन के बाद लिया गया है. जिसमें बर्मन समूह ने पिछले महीने कंपनी का नियंत्रण हासिल कर लिया था. रश्मि सलूजा और अमेरिका स्थित निवेशक डैनी गायकवाड़ के बीच लंबे समय तक विवाद चला था.
FMCG प्रमुख डाबर इंडिया को नियंत्रित करने वाला बर्मन परिवार सितंबर 2023 में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की पेशकश की और आखिरकार पिछले दिनों उसने मैनेजमेंट कंट्रोल अपने हाथों में ले लिया. एक महीने से भी अधिक समय पहले शेयरधारकों ने सलूजा को कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में फिर से नियुक्त करने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था, जिसमें लगभग 98% ने उनकी वापसी के खिलाफ मतदान किया था. उनके बाहर निकलने के बाद गैर-कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक प्रवीण कुमार त्रिपाठी को चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था.
बोर्ड ने आने वाले महीनों में कैश फ्लो में कमी की पहचान की है और फंडिंग सपोर्ट के लिए नए प्रोमोटर्स बर्मन समूह से संपर्क करने का निर्णय लिया है. बोर्ड ने फंडिंग की आवश्यकता को पूरा करने के लिए प्रोमोटर समूह या उसकी सहयोगी कंपनियों से शार्ट टर्म इंटर-कॉर्पोरेट लोन की सिफारिश की है.