नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने जोमैटो और स्विगी के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है. एसोसिएशन का कहना है कि ये दोनों ही प्लेटफॉर्म फूड डिलिवरी मार्केट पर अपना कब्जा जमाने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए इनके खिलाफ हम कानूनी कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं.
इन दोनों ही कंपनियों ने अलग अलग ऐप्स Blinkit Bistro और Swiggy Snacc के जरिए 10 मिनट डिलिवरी को लेकर एक होड़ शुरू कर दी है. एसोसिएशन की ये प्रतिक्रिया इसी के जवाब में आई है. इसका कहना है कि ये कंपनियां अपने मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म के रोल से शिफ्ट होकर अब डायरेक्ट सेलर्स की तरफ बढ़ गई हैं.
NRAI के प्रेसिडेंट सागर दरयानी ने NDTV प्रॉफिट से बात करते हुए बड़ा आरोप लगाते हैं, 'उनकी रणनीति इन प्लेटफार्म्स पर भरोसा करने वाले रेस्टोरेंट्स के बिजनेस को बर्बाद कर देने की है'. वो कहते हैं 'इसलिए हम जोमैटो और स्विगी के प्राइवेट लेबलिंग या सीधे खाना बेचने में शामिल होने से बिल्कुल सहमत नहीं हैं'
उन्होंने कहा कि NRAI कॉपीराइट अधिनियम के तहत इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स के संभावित उल्लंघन के लिए कानूनी कार्रवाई करने और कंपिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया सहित रेगुलेटरी अथॉरिटीज के पास शिकायत दर्ज करने पर "गंभीरता से विचार" कर रहा है.
हालांकि ये पहली बार नहीं है जब NRAI ने इन दोनों के खिलाफ ऐसे आरोप लगाए हैं. एक मामला पहले से ही चल रहा है जिसमें NRAI ने एंटीट्रस्ट रेगुलेटर के साथ मामला दायर किया है, जिसमें दोनों प्लेटफार्म्स पर प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं (anti-competitive practices) का आरोप लगाया गया है.
सागर दरयानी की टिप्पणियां रेस्टोरेंट मालिकों के बीच बढ़ती आशंका की ओर इशारा करती हैं. जिन्हें डर है कि ये डिलिवरी कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स को बनाने के लिए अपने डेटा का फायदा उठा रहे हैं, जिससे रेस्टोरेंट्स के लिए बाजार सिकुड़ता जा रहा है.
5 लाख रेस्टोरेंट्स का प्रतिनिधित्व करने वाले NRAI के प्रेसिडेंट दरयानी कहते हैं 'उनके पास हमारे सभी डेटा तक पहुंच है, जिसे वे हमारे साथ शेयर नहीं करते हैं. हमारे पास ये विश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि वे हमारे ग्राहकों को उन उत्पादों की ओर नहीं ले जा रहे हैं जो वे अपने ऐप पर निजी लेबल के रूप में बेचते हैं, चाहे वो चाय ब्रैंड, बिरयानी या मोमो का डेटा हो.
दरयानी इन कंपनियों पर रेस्टोरेंट के डेटा का फायदा उठाने का आरोप लगाते हैं. वो कहते हैं कि अनुचित प्रतिस्पर्धा में शामिल होने से उन हजारों रेस्टोरेंट्स के बने रहने के लिए खतरा है जिनका वे समर्थन करने का दावा करते हैं.
वॉव मोमो रेस्टोरेंट चेन के को-फाउंडर और CEO दरयानी कहते हैं कि स्विगी और जोमैटो ने पहले रेस्टोरेंट को मौखिक रूप से आश्वासन दिया था कि वे सीधे फूड बिजनेस में एंट्री नहीं करेंगे.
प्राइवेट लेबल या कंपनियों की ओर से अपने खुद के ब्रैंड नाम (Brand Name) के तहत बेचे जाने वाले सामान पर थर्ड पार्टी के ब्रैंड बेचने की तुलना में ज्यादा मार्जिन देते हैं. इनकी कीमत आम तौर पर स्थापित ब्रैंड्स की तुलना में कम होती है.
प्राइवेट लेबल जोमैटो और स्विगी जैसे प्लेटफॉर्म्स के लिए कोई नई बात नहीं है. स्विगी का ग्रॉसरी वर्टिकल इंस्टामार्ट सुप्रीम हार्वेस्ट और ट्रूली गुड फूड जैसे कई प्राइवेट लेबल बेचता है. दूसरी ओर, जोमैटो के ब्लिंकिट का प्राइवेट लेबल के साथ एक पूरा दौर था, जो उसके ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू का 50% था, जब तक कि उसने 2021 में उन्हें बेचना बंद नहीं कर दिया था.
दरयानी ने कहा कि जहां फूड डिलिवरी में क्विक कॉमर्स बढ़ने की संभावना है, वहीं एग्रीगेटर्स को क्विक डिलिवरी सक्षम करने के लिए रेस्टोरेंट्स के साथ काम करना चाहिए.
दरयानी कहते हैं 'फूड में क्विक कॉमर्स यहां रहने वाला है, ये आगे बढ़ेगा और फूड डिलिवरी क्षेत्र में और ज्यादा उत्साह जोड़ेगा. उन्होंने कहा, 'लोग ज्यादा सुविधा चाहते हैं और इससे उन रेस्टोरेंट्स को बढ़ावा मिलेगा जो इसके अनुकूल हो सकते हैं. हम इसका पूरा समर्थन करते हैं. जब तक ये एग्रीगेटर रेस्टोरेंट्स के साथ मिलकर काम करते हैं और उन्हें तेजी से आगे बढ़ने में सक्षम बनाते हैं, हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है.