डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर की प्रमुख कंपनी रोल्स-रॉयस (Rolls-Royce) अगले पांच वर्षों में भारत से अपनी सप्लाई चेन सोर्सिंग को दोगुना करने का इरादा रखती है. सोमवार को रोल्स-रॉयस ने एक बयान में कहा कि कंपनी, भारत के डिफेंस सेक्टर में उपस्थिति और भागीदारी बढ़ाने की अपनी योजना के तहत उन्नत एयरोस्पेस इंजन, नौसेना प्रोपल्सन सिस्टम्स, डीजल इंजन और गैस टरबाइन इंजन के लिए कॉम्प्लेक्स पार्ट्स की सोर्सिंग बढ़ाने की कोशिश करेगी.
कंपनी ने कहा कि वर्तमान में, वो अपने सिविल एयरोस्पेस, डिफेंस और पावर सिस्टम्स बिजनेसेज के लिए विभिन्न भारतीय भागीदारों से हाई-प्रिसिजन पार्ट्स और इंजन कॉम्पोनेंट्स की एक विस्तृत रेंज का सोर्स तैयार करती है, लेकिन ये प्रॉडक्ट्स के ओवरऑल वैल्यू का खुलासा नहीं करती है.
बता दें कि रोल्स-रॉयस के पास हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स और फोर्स मोटर्स के साथ ज्वाइंट वेंचर्स हैं, साथ ही भारत में अपने बिजनेसेज के लिए जटिल पार्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग और सोर्सिंग के लिए टाटा, भारत फोर्ज, गोदरेज एंड बॉयस और अन्य कंपनियों के साथ लंबे समय से संबंध हैं.
रोल्स-रॉयस की चीफ ट्रांसफॉर्मेशन ऑफिसर निकोला ग्रैडी-स्मिथ ने कहा, 'भारत वैश्विक सोर्सिंग के लिए एक पसंदीदा केंद्र के रूप में तेजी से उभर रहा है. हम अपने बिजनेस डेवलपमेंट और भारत सरकार के 'मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड' के दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए यहां अपनी पार्टनरशिप के विस्तार के अवसर तलाश कर रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, रोल्स-रॉयस ने उच्चतम वैश्विक गुणवत्ता मानकों को पूरा करने के लिए देश में मैन्युफैक्चरिंग कैपिसिटी को मजबूत करने में मदद की है. उन्होंने कहा, 'अब ध्यान मौजूदा और संभावित भविष्य के भारतीय आपूर्तिकर्ताओं के साथ संबंधों को मजबूत करने पर है, ताकि वैश्विक बाजारों के लिए स्थानीय स्तर पर जटिल इंजन पार्ट्स के निर्माण की क्षमता विकसित करने में मदद मिल सके.'
रोल्स-रॉयस ने कहा कि उसने डिफेंस सेक्टर में विभिन्न इंजनों के लाइसेंस प्राप्त उत्पादन के लिए सफल टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की विरासत के बाद भारत में रणनीतिक साझेदारी, कुशल प्रतिभा, इंजीनियरिंग और डिजिटल क्षमताओं, सेवा वितरण, आपूर्ति श्रृंखला और मैन्युफैक्चरिंग का एक इकोसिस्टम तैयार किया है.
रोल्स-रॉयस (डिफेंस) में बिजनेस डेवलपमेंट्स और फ्यूचर प्रोग्राम्स देख रहे एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट एलेक्स जिनो ने कहा, 'भारत हमारी लॉन्ग टर्म स्ट्रैटजी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, खासकर सोर्सिंग हब के रूप में और रक्षा प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने में एक रणनीतिक भागीदार के रूप में.
उन्होंने कहा, 'इस समय सप्ताई चेन को मजबूत करना और इकोसिस्टम कैपिसिटी को बढ़ाना, फ्यूचर को-प्रोडक्शन के लिए एक ठोस आधार तैयार करेगा, और भारत के आत्मनिर्भर रक्षा महाशक्ति बनने के उद्देश्य का समर्थन करेगा.
जिनो ने कहा, 'कंपनी भारत के सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, और महत्वपूर्ण लड़ाकू इंजन प्रौद्योगिकियों के लिए सह-विकास के अवसरों में भाग लेने पर केंद्रित है.'
कंपनी ने कहा कि इसमें 2,000 से अधिक हाई-स्किल्ड इंजीनियर इन-हाउस और आउटसोर्स समझौतों के माध्यम से काम कर रहे हैं, जो वैश्विक विकास कार्यक्रमों में योगदान दे रहे हैं.