हॉटमेल के को-फाउंडर सबीर भाटिया (Sabeer Bhatia) ने भारत में वर्क कल्चर और इंजीनियरिंग की पढ़ाई को लेकर चिंता जताई है. हालिया पॉडकास्ट में भाटिया ने देश की इनोवेशन क्षमता को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने तकनीकी स्किल्स और हैंड्स-ऑन लर्निंग को नजरअंदाज करने को लेकर आलोचना की.
भाटिया ने कहा कि भारत के इंजीनियर अपने प्रोफेशन के आधार से दूर हो रहे हैं. उन्होंने यूट्यूब चैनल 'सिंह इन USA' पर एक पॉडकास्ट में कहा कि 99% भारतीय इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स मैनेजमेंट की भूमिका में जा रहे हैं और उन्होंने सभी लोगों को ज्ञान देना शुरू कर दिया है.
उन्होंने आगे कहा कि वो लोग कहां है, जो अपने हाथों से असली प्रोडक्ट्स बना रहे हैं. उन्होंने शिक्षा और असल प्रोडक्ट डेवलपमेंट के बीच बढ़ती दूरी को लेकर चिंता भी जाहिर की.
भाटिया ने आगे कहा कि हम उन लोगों का जश्न मना रहे हैं जो बॉडी शॉपिंग का प्रचार करते हैं, ऑरिजनल सॉफ्टवेयर का नहीं. जैसे-तैसे वो किसी कोड को लिखे बिना वो भारत के सॉफ्टवेयर गुरु बन गए. भाटिया ने टेक्निकल स्किल्स को कैसे किया जाता है, उस पर दोबारा सोचने की जरूरत पर विचार किया.
उन्होंने कहा, जब तक हम अपने वर्क एथिक को नहीं बदलते हैं और हम असल में अपने हाथों से काम करना शुरू नहीं करते और उन लोगों का सम्मान शुरू नहीं करते जो सॉफ्टवेयर, कोड लिखते हैं, जो चीजें करते हैं या इन मुश्किलों के मामले में आलोचनात्मक तौर पर सोचते हैं, हमें शिक्षा व्यवस्था में बदलाव करना होगा.
चीन से तुलना करते हुए भाटिया ने जिक्र किया कि भारत की प्रगति का रास्ता समावेशी और सब्सिडी वाला शिक्षा मॉडल होगा. चीन में सभी लोगों को शिक्षा दी जाती है. वो शिक्षा पर सब्सिडी देते हैं. भारत में शिक्षा अमीर लोगों के लिए लग्जरी बन गई है. और उन में से बहुत से लोग क्या करते हैं. डिग्री लेते हैं, किसी से शादी कर लेते हैं और दहेज पर फोकस करते हैं. ये कैसी विचित्र सोच है.